एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

वो फैसला, जिसने बढ़ाई थी इंदिरा गांधी की मुश्किलें; अब फिर से विवाद में है केशवानंद भारती जजमेंट

50 साल बाद केशवानंद भारती केस में दिया गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला फिर से विवादों में है. 13 जजों की बेंच ने 703 पन्नों के आदेश में कहा था कि संसद संविधान के मूल संरचना को नहीं बदल सकती है.

कॉलोजियम और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक केशवानंद भारती केस के फैसले पर सवाल उठने लगा है. 11 जनवरी को एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केशवानंद भारती मामले में 1973 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया. 

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने एक गलत मिसाल पेश की है. देश की कोई संस्था अगर संविधान संशोधन को लेकर संसद की शक्ति पर सवाल उठाती है, तो यह कहना मुश्किल होगा कि हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं.

उपराष्ट्रपति के बयान आने के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. वहीं 21 जनवरी को मुंबई के एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस फैसले को ध्रुवतारा बताया. इस स्टोरी में विस्तार से जानते हैं कि केशवानंद भारती केस क्या था और कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट VS केंद्र सरकार मामले में अब तक का अपडेट्स...

1. केंद्रीय कानून मंत्री ने किरेन रिजीजू ने कहा कि कॉलेजियम की ओर से जिन जजों के नाम की सिफारिश की गई है, उन जजों के बारे में दी गई आईबी और रॉ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चिंताजनक है.

2. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 3 पन्नों का एक जवाब वेबसाइट पर अपडेट किया, जिसमें समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल के हाईकोर्ट में जज नियुक्ति के प्रस्ताव को सरकार की ओर खारिज करने को गलत कहा. 

केशवानंद भारती ने क्यों खटखटाया कोर्ट का दरवाजा?
केरल की इदनीर हिंदू मठ के 400 में से 300 एकड़ जमीन किसानों को पट्टे पर देने के लिए केरल सरकार 2 भूमि सुधार कानून लाई. सरकार ने इस कानून को संविधान की नौंवी अनुसूची में रखा.

किसी विषय को संविधान की नौंवी अनुसूची में रखने का अर्थ होता है- उसकी न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है यानी कोर्ट की ओर से इस कानून पर सुनवाई नहीं कर सकती है. 

इधर, गोलकनाथ बनाम पंजाब सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट से पक्ष में फैसला नहीं मिलने के बाद केंद्र की इंदिरा सरकार ने संविधान में 24वां संशोधन किया. इस संशोधन के जरिए संविधान के अनुच्छेद 13 और 368 को संशोधित किया गया. इसके तहत संसद को संविधान में संशोधन का असीमित अधिकार मिल गया. 

ऐसे में इदनीर मठ के मठाधीश केशवानंद भारती ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया. उस वक्त के मशहूर वकील नाना पालकीवाला ने उनकी तरफ से केस फाइल किया. केस मैरिट को देखते हुए चीफ जस्टिस समेत 13 जजों की बेंच गठित की गई. मामला था- क्या संसद संविधान के मूल ढांचे को बदल सकता है?

13 जजों की बेंच में 5 महीने तक चली बहस
मद्रास हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अरविंद दत्तार द हिंदू में लिखते हैं- इस केस में 31 अक्टूबर 1972 को सुनवाई शुरू हुई जो 23 मार्च 1973 तक चली. बेंच में चीफ जस्टिस एसएम सिकरी, जस्टिस जेएम शेलाट, जस्टिस केएस हेगड़े, जस्टिस एन ग्रोवर, जस्टिस एन राय, जस्टिस पीजे रेड्डी, जस्टिस डीजी पालेकर, जस्टिस हंसराज, जस्टिस केके मैथ्यू, जस्टिस एमएच बेग, जस्टिस एसए द्विवेदी, जस्टिस बीके मुखर्जी और जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ शामिल थे. 

बहस के दौरान तत्कालीन अटॉर्नी जनरल नीरेन डे ने 71 देशों का उदाहरण दिया, जहां संसद संविधान के ढांचे को बदल सकती है. केशवानंद भारती की ओर से दलील दी गई कि अगर संसद को अगर असीमित अधिकार दे दिए जाएंगे तो संविधान ही खत्म हो जाएगा. 

703 पन्नों का फैसला बना ऐतिहासिक
अप्रैल 1973 को सुप्रीम कोर्ट ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में 703 पन्नों का फैसला सुनाया. 7.6 के बहुमत से कोर्ट ने कहा कि सरकार संविधान में संशोधन तो कर सकती है, लेकिन मूल तत्व से छेड़छाड़ नहीं कर सकती है.

फैसला पढ़ते हुए तत्कालीन चीफ जस्टिस एसएम सिकरी ने संविधान के मूल विशेषताओं को मूल संरचना कहा और इसके संशोधन पर रोक लगाने का आदेश दिया. 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने केंद्र की इंदिरा सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी. क्योंकि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद लगातार संविधान में संशोधन कर रही थी. केशवानंद भारती केस में फैसला आने के बाद राजनीति तेज हो गई और इंदिरा सरकार कई मामलों में बैकफुट पर आ गई.

फैसले के 26 महीने बाद इंदिरा सरकार ने देश में आंतरिक आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी. आपातकाल की वजह से मौलिक अधिकार छीन लिए गए. 

फिर क्यों सुलगा विवाद, 2 वजहें...

  • केंद्र सरकार राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग लाकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति करना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट एक बार इसे खारिज कर चुकी है. पिछले महीने कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने फिर से इसे हवा दी. कानून मंत्री ने जजों की नियुक्ति करने वाली कॉलेजियम प्रक्रिया को एलियन बताया. 
  • सरकार चुनाव आयुक्त अरुण गोयल नियुक्ति मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से भी नाराज थी. सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल सुप्रीम कोर्ट से मिनी ट्रायल नहीं करने की बात भी कही थी. सॉलिसटर जनरल ने भी कहा था कि आप अगर हर मामले में दखल देंगे तो यह संविधान को फिर से लिखने जैसा हो जाएगा. 

सवाल उठाना कितना सही?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर एडवोकेट पी चिदंबरम इसे संविधान के लिए खतरा मानते हैं. इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे ओपिनियन में कहते हैं- सरकार दबाव डालकर सुप्रीम कोर्ट को पंगु बनाना चाहती है. यह संविधान खत्म करने की कोशिश है. 

चिदंबरम लिखते हैं- सरकार के लोग जिस केशवानंद भारती केस को गलत बता रहे हैं, उससे पहले उसी तरह का फैसला गोलकनाथ बनाम पंजाब सरकार में दिया जा चुका है. इसमें 11 जजों में से 6 जजों ने बहुमत से फैसला सुनाया था कि संसद के पास मौलिक अधिकार में संशोधन का पावर नहीं है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री आगे लिखते हैं- केशवानंद भारती केस में फैसले का अगर सीधा मतलब निकाला जाए तो संसद धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्र न्यायपालिका और संघवाद के मूल में परिवर्तन नहीं कर सकती है. क्या यह फैसला गलत है?

कानून मामले के जानकार उपेंद्र बख्शी केशवानंद भारती केस के फैसले को सरकार के असीमित शक्ति को रोकने वाला एक ब्रेकर बताते हैं. बख्शी इंडियन एक्सप्रेस में लिखते हैं- इस फैसले के बाद न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को शक्ति का अंदाजा हो गया. 

बख्शी केशवानंद भारती केस में जस्टिस एसएन द्विवेदी के लिखे आदेश का जिक्र करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमने आपको लोक कल्याण के लिए विशाल शक्तियां दी है, लेकिन अगर आप इसका दुरुपयोग करती है तो धिक्कार है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election Result: Loksabha में शिकश्त के बाद किस योजना ने Maharastra में कराया कमबैक?Assembly Election Result: बहनों की बाजी..जीत की चाबी! | MVA | MahayutiMaharashtra Results: 'एक हैं तो सेफ हैं बना देश का महामंत्र', महाराष्ट्र जीत पर Modi का तूफानी भाषणSandeep Chaudhary : महाराष्ट्र में महायुति की सत्ता, आखिर विपक्ष के हाथों से कैसे फिसल गई जीत?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
CAT Exam 2024: कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
Samsung Galaxy S25 Series: BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
Tarot Card Weekly Horoscope: मेष से मीन राशि वालों का जानें एस्ट्रोलॉजर से नए सप्ताह का टैरो कार्ड वीकली राशिफल
मेष से मीन राशि वालों का जानें एस्ट्रोलॉजर से नए सप्ताह का टैरो कार्ड वीकली राशिफल
Rishabh Pant: जान बचाने वाले इन दो लोगों को नहीं भूले ऋषभ पंत, महंगा गिफ्ट देकर जीता दिल
जान बचाने वाले इन दो लोगों को नहीं भूले ऋषभ पंत, महंगा गिफ्ट देकर जीता दिल
Embed widget