Cross Mark In Last Train Coach: ट्रेन से यात्रा करने वालों यात्रियों ने अक्सर स्टेशनों पर खड़ी ट्रेनों के सबसे आखिरी कोच या फिर अंतिम डिब्बे पर क्रॉस का निशान अवश्य देखा होगा. ट्रेन के लास्ट कोच में हमेशा एक व्यक्ति अपने हाथ में दो तरह के रंग वाली झंडियां लेकर खड़ा रहता है. आखिर ट्रेन के आखिरी कोच में के पीछे क्रॉस के होने का क्या मतलब है. आइए आपको इसका मतलब समझाते हैं?


रोजाना हजारों की संख्या में लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं. ऐसे में रेलवे ने अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए हुए हैं. रेलवे द्वारा बनाया गया ऐसा ही एक नियम है प्रत्येक ट्रेन के अंतिम कोच पर X यानि क्रॉस का निशान बनाना. कोई भी रेलवे कर्मचारी इस निशान का मतलब आसानी से समझ सकता है. लेकिन एक आम व्यक्ति को हो सकता है इसकी जानकारी ना हो. जैसा कि ये तो सभी लोग जानते हैं कि कोई भी ट्रेन कई कोच या फिर डिब्बों से मिलकर बनती है. 


X (क्रॉस) का क्या मतलब होता है?


हर छोटे-बड़े स्टेशन से रोजाना बहुत सी संख्या में ट्रेनें गुजरती है. ऐसे में इन ट्रेनों के कोच या फिर डिब्बों की गिनती करना आसान काम नहीं है. इसलिए ट्रेन के अंतिम कोच पर X क्रॉस का निशान बनाया जाता है. जिससे की स्टेशन पर तैनात रेलवे कर्मचारी को पता चल सके कि पूरी ट्रेन स्टेशन से गुजर चुकी है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि ट्रेन सही सलामत सभी डिब्बों के साथ है और कोई दुर्घटना नहीं हुई है. 


ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक स्टेशन पर रेलवे का स्टाफ इन डिब्बों की जांच करता है. जिसके आधार पर स्टेशन पर खड़ा रेलवे कर्मचारी ट्रेन के आखिरी डिब्बे में झंडियां लेकर खड़े व्यक्ति को अपने पास की झंडियों के जरिये संकेत देता है. 


अगर ट्रेन के लास्ट कोच में ये X क्रॉस का साइन दिखाई नहीं देता तो, माना जाता है कि ट्रेन किसी हादसे से गुजरी है और कुछ डिब्बे पीछे छूट गए हैं. इसके बाद रेलवे द्वारा तत्काल कार्रवाई शुरू की जाती है. पीछे छूट गए डिब्बे की तलाश शुरू की जाती है और यात्रियों की सुरक्षा का इंतजाम किया जाता है. 


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