कुशीनगर: कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 106 साल के बुजुर्ग भाजपा नेता व जनसंघ के टिकट पर वर्ष 1977 में नौरंगिया से विधायक रहे श्री नारायण उर्फ भुलई भाई से बात कर उनका आशीर्वाद लिया. नारायन जी उर्फ भुलई भाई के पास अपना कोई फोन नहीं है. उनके पोते (नाती) कन्हैया चौधरी के मोबाईल पर एक फोन आया लेकिन नम्बर शो नहीं कर रहा था. फोन उठाने पर पता चला कि दिल्ली से फोन आया है. उधर से आवाज आई कि हम प्रधानमंत्री कार्यालय से बात कर रहे हैं क्या नारायण जी से बात हो पाएगी? कन्हैया चौधरी ने कहा कि जी हो जाएगी, फिर प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने उनसे पूछा कि आप कौन बोल रहे हो? कन्हैया चौधरी ने अपनी पहचान बताई...फिर उधर से आवाज आई कि प्लीज कन्हैया भाई दे दीजिए ना उनको मैं पीएम साहब को दे रहा हूं. कन्हैया ने फोन भुलई भाई को दे दिया. कन्‍हैया ने जब बताया कि फोन पर दूसरी तरफ़ से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी हैं तो भुलई भाई की खुशी का ठिकाना न रहा.


भुलई भाई के फोन पर आते ही दूसरी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें प्रणाम किया. उन्‍होंने उनका हालचाल लिया और कहा कि बहुत सालों से उनसे बात-मुलाकात नहीं हो पाई. आज मन कर दिया कि बात करुं और संकट काल में आशीर्वाद लूं. आपने तो शताब्‍दी पूरी कर दी. तो भुलाई भाई ने कहा 106 वर्ष के हो गए. तो प्रधानमंत्री ने कहा आपने पांच पीढ़ियां देखी होंगी.


भुलई भाई ने अपना हाल बढ़िया बताते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ की. उन्‍होंने कहा कि आपकी कृपा से सब ठीक चल रहा है. भुलई भाई ने प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद देते हुए कहा कि ईश्‍वर आपको यशस्‍वी बनाए और जब तक स्‍वस्‍थ रहें देश का नेतृत्‍व करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि बस आपका आशीर्वाद है, अच्‍छा करूं, आप लोगों से जो सीखा है वो देश के काम आए. प्रधानमंत्री ने भुलई भाई की तबीयत का हाल जाना और कहा कि परिवार में भी सभी को उनका प्रणाम कह दें. बहुत साल हो गए उन्‍हें देखा नहीं है लेकिन परिवार में सबको प्रणाम कह दें.


कुशीनगर के कप्तानगंज तहसील के पगार छपरा गांव के रहने वाले नारायण उर्फ भुलई भाई जनसंघ के जमाने से भाजपा से जुड़े रहे. वह 1974 से 1977 और 1977 से 1980 तक कुशीनगर की नेबुआ नौरंगिया सीट से जनसंघ पार्टी के विधायक रहे हैं. इमरजेंसी के समय में वह कई महीनों तक जेल में भी रहे. उनकी छवि एक ईमानदार नेता की है.