राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने नारियल फोड़कर किया खुदाई का शुभारंभ
ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की मानें तो सबसे पहले भूमि में राम मंदिर का निर्माण होना है. उस भूमि के 300 फीट चौड़ाई और लगभग 280 फीट गहराई की पूरी भूमि के पूरे भाग पर खुदाई की जाएगी.
अयोध्या के प्रतिष्ठित श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई. सबसे पहले आज राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने नारियल फोड़कर भूमि खुदाई का शुरू किया. इसके बाद राम मंदिर निर्माण एजेंसियों से जुड़े अलग-अलग एजेंसी के इंजीनियरों से विचार विमर्श किया.
इसके बाद फैजाबाद सर्किट हाउस में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और इंजीनियरों से विचार विमर्श किया. लगभग 4 घंटे चली इस इस विचार विमर्श के बाद टेस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने साफ किया कि राम मंदिर की नीव की डिजाइन मिल चुकी है. लेकिन उसके अंदर कौन से मटेरियल का इस्तेमाल किया जाएगा इस पर अभी रिसर्च चल रहा है या रिपोर्ट अगले 15 दिवस के भीतर आ जाएगी. इस बीच राम जन्मभूमि परिसर में खुदाई का कार्य शुरू हो गया है.
ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की मानें तो सबसे पहले भूमि में राम मंदिर का निर्माण होना है. उस भूमि के 300 फीट चौड़ाई और लगभग 280 फीट गहराई की पूरी भूमि के पूरे भाग पर खुदाई की जाएगी. खुदाई हो जाने के बाद पूरी भूमि पर इंजीनियरिंग फिलिंग यानि उसके भीतर अलग-अलग तरह के मटेरियल से उसको भरा जाएगा. इस तरह राम मंदिर निर्माण के लिए मजबूत जमीन तैयार की जाएगी.
राम मंदिर के लिए भूमि की खुदाई लगभग 12 मीटर की जाएगी वहां से भूमि को मजबूती देते हुए अलग-अलग मटेरियल से भरते हुए उसको जमीन की सतह तक लाया जाएगा. जमीन की सतह के ऊपर लाल पत्थरों का उपयोग किया जाएगा और उसके ऊपर बुनियाद का पूरा स्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा. हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि जमीन की सतह तक लाने के लिए किन-किन मटेरियल का प्रयोग होगा.
इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट अगले 15 दिवस के भीतर आएगी उसके पहले जिस भूमि में राम मंदिर का निर्माण होना है उसकी पूरी खुदाई का कार्य कर लिया जाएगा खुदाई के बाद किन मटेरियल का प्रयोग करना है. इसकी रिपोर्ट तब तक आ जाएगी और इसके बाद उन मटेरियल के जरिए जमीन की सतह तक बुनियाद का कार्य आगे बढ़ाया जाएगा.