(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistani Terrorist: पाकिस्तान ने 2 दशकों में पहली बार लिया किसी आतंकी का शव, घायल तबारक की इलाज के दौरान हुई थी मौत
Let Terrorist: आतंकी तबारक हुसैन पाकिस्तान के कोटली इलाके के सब्जकोट गांव का रहने वाला था और आत्मघाती हमले के इरादे से भारत आने की कोशिश कर रहा था.
Pak Terrorist: पिछले दो दशक में पहली बार पाकिस्तानी सेना (Pakistan) ने किसी आतंकी का शव भारत (India) से लिया. सोमवार को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकी तबारक हुसैन (Tabarak Hussain) का शव पाकिस्तान को सौंप दिया. तबारक को 21 अगस्त को भारतीय सेना ने एलओसी (LOC) पर घुसपैठ करते वक्त धर दबोचा था. भारतीय सेना की गोलीबारी में तबारक घायल हो गया था और बाद में अस्पताल में हार्ट अटैक के चलते उसकी मौत हो गई थी.
मामला क्या है?
जानकारी के मुताबिक, एलओसी के पुंछ सेक्टर में चक्का-दा-बाग पोस्ट पर भारतीय सेना ने स्थानीय पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में पाकिस्तानी सेना को तबारक हुसैन का शव सौंपा. आतंकी तबारक पाकिस्तान के कोटली इलाके के सब्जकोट गांव का रहने वाला था और आत्मघाती हमले के इरादे से भारत आने की कोशिश कर रहा था. एलओसी के नौशेरा सेक्टर में 21 अगस्त को भारतीय सेना से हुई मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकी तबारक हुसैन घायल हो गया था. खास बात ये है कि आतंकी तबारक दूसरी बार भारत में धर-दबोचा गया है.
भारतीय सेना ने जब तबारक हुसैन को नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ करते हुए पकड़ा था तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वो यहां मरने के लिए आया था. पकड़े जाने के वक्त वो ड्रग्स की डोज भी लिए हुए था. जांच में पाया गया कि उसने हाल ही में अपने शरीर के सीने, बगल और प्राईवेट पार्ट्स के बाल शेव करवाए थे. ऐसा इस्लामिक जेहादी आत्मघाती हमले से पहले करते हैं.
आईएसआई ने हमले के लिए पैसे दिए थे
सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में पाकिस्तानी फिदायीन आतंकी तबरक हुसैन ने बताया कि उसे एलओसी पर भारतीय सेना की पोस्ट (चौकी) पर हमला करने के लिए पाकिस्तानी सेना से 30 हजार रुपये मिले थे. तबरक ने बताया कि उसे ये पैसे पाकिस्तान इंटेलीजेस एजेंसी के कर्नल यूनुस चौधरी ने दिए थे. खुद तबरक ने मिलिट्री हॉस्पिटल में भारतीय मीडिया के सामने अपना कबूलनामा किया था.
इलाज के दौरान भारतीय सेना के डॉक्टर्स ने तबरक को ब्लड तक मुहैया कराया था. लेकिन 3 सितबंर को अस्पताल में इलाज के दौरान ही उसे कार्डियक-अरेस्ट आया जिससे उसकी मौत हो गई.
तबारक हुसैन कौन था?
जानकारी के मुताबिक, तबारक हुसैन की उम्र करीब 26 साल थी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कोटली इलाका का रहने वाला था जो लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलओसी से सटा इलाका है. अप्रैल 2016 में भी तबारक हुसैन ने अपने दो साथियों के साथ नौशेरा सेक्टर से ही घुसपैठ करने की कोशिश की थी. उस वक्त तबारक और उसका साथी हारून अली (निवासी, कोटली, पीओके) गिरफ्तार कर लिए गए थे. लेकिन उनका तीसरा साथी पीओके वापस भागने में कामयाब हो गया था.
जांच में पता चला कि तबारक हुसैन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के लिए काम करता था और पाकिस्तानी सेना की इंटेलीजेंस यूनिट में दो साल काम कर चुका था. उसनें आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के भिंबर कैंप में छह महीने के लिए गाइड बनने की ट्रेनिंग भी ली थी. दरअसल, आईएसआई और लश्कर ए तैयबा एलओसी से सटे पीओके के इलाकों में रहने वाले युवकों को आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए गाइड बनाने की ट्रेनिंग देते हैं.
इसके अलावा तबारक को भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने और पकड़े जाने पर मनगढ़ंत कहानी बनाने में भी ट्रेनड किया गया था. खास बात ये है कि तबारक का भाई, मोहम्मद सईद भी दिसम्बर 2021 में नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
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