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Cyclone Amphan live updates: पश्चिम बंगाल में चक्रवात 'उम्पुन' का कहर, एक बच्ची और महिला की मौत
Cyclone Amphan live updates: पश्चिम बंगाल में चक्रवात 'उम्पुन' का कहर, एक बच्ची और महिला की मौत
मौसम विभाग के मुताबिक, भीषण चक्रवात ‘उम्पुन’ ने दोपहर ढाई बजे के करीब दस्तक दी. जिसकी वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बारिश हो रही है, कई मकान ढह गए हैं. चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
20 May 2020 08:08 PM
पश्चिम बंगाल में 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले विकराल चक्रवात 'उम्पुन' के कारण भारी तबाही हुयी और कम से कम दो लोगों की मौत हो गयी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. चक्रवात दोपहर में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा. चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुयी. चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र नेकहा कि चक्रवाती तूफान 'उम्पुन' शाम तक कोलकाता के पास पहुंच जाएगा और शहर के साथ ही आसपास के जिलों में 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रचंड हवाएं चलेंगी. तूफान 25-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. दक्षिण और उत्तर 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर जिलों में 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलनी शुरू हो गयी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवाती तूफान उम्पुन का आगे वाला हिस्सा दस्तक दे चुका है. तूफान का बीच वाला हिस्सा किसी भी समय जमीन को छू सकता है.’’
तूफान 'उम्पुन' की वजह से पश्चिम बंगाल के दीघा के पूर्वी मेदिनीपुर में भारी नुकसान हुआ है. कई जगहों पर जलजमाव हो गया है. कई पेड़ उखड़ गए हैं और रास्ते ब्लॉक हो गए हैं.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने बुधवार को कहा कि चक्रवात ‘उम्पुन’ से संबंधित स्थिति तेजी से बदल रही है और उसपर करीब से निगाह रखी जा रही है. चक्रवात ने तट से टकराना शुरू कर दिया है. प्रधान ने कहा कि ओडिशा में मौजूद सभी 20 टीमों को तैनात कर दिया गया है , जबकि पश्चिम बंगाल में 19 टीमों को तैनात किया गया है और दो को आरक्षित रखा गया है.
बांग्लादेश में भीषण चक्रवात ‘उम्पुन’ आने के मद्देनजर 20 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और इस प्राकृतिक आपदा से जुड़ी घटनाओं से निपटने के लिए सेना को तैनात किया गया है.
पश्चिम बंगाल के तट से तूफान टकरा चुका है. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि तूफान की रफ्तार डेढ सौ से दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है. कोलकाता में तूफान ने भारी नुकसान पहुंचाया है. कई जगह पर गाड़ियों को नुकसान हुआ है. बिजली के खंभे गिर गये हैं. नॉर्थ परगना जिला में तूफान की वजह से एक महिला की मौत हो गई. वहीं हावड़ा में 13 साल की बच्ची की मौत हो गई है.
मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने कहा कि तटीय पश्चिम बंगाल में तेज हवाएं चलने लगी हैं. हमें रिपोर्ट मिल रही है कि हवाओं की गति करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘अम्फान’ ने बुधवार को दोपहर ढाई बजे के करीब पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच दस्तक दी है. तेज बारिश और तूफानी हवाओं के साथ अगले चार घंटे में यह चक्रवात और भीषण हो जाएगा. भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ फिलहाल सुंदरवन के निकट पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर रहा है.
NDRF के DG एसएन प्रधान ने कहा कि लैंडफॉल का सिलसिला शुरू हो चुका है. चक्रवात के बाद असल में NDRF का काम शुरू होगा. काम और बढ़ने वाला है.
एनडीआरएफ के चीफ एसएन प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अब तक पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. डेढ़ लाख से अधिक लोगों को ओडिशा में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है.
मौसम विभाग ने बताया कि भीषण चक्रवात ‘अम्फान’ ने दोपहर ढाई बजे के करीब दस्तक दी. अम्फान चक्रवात के चलते ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर में बारिश और तेज हवाएं जारी है.
बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री इनामुर रहमान के हवाले से कहा गया कि बुधवार शाम छह बजे चक्रवात आने की आशंका है. मंगलवार को अधिकारियों ने 22 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम शुरू कर दिया था. नौसेना ने आपात राहत, बचाव और चिकित्सा अभियान चलाने के त्रिस्तरीय प्रयासों के तहत 25 नौकाओं को तैनात किया है. देश में सेना और वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है.
बांग्लादेश ने भीषण चक्रवात उम्पुन आने के मद्देनजर 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है और चक्रवात से जुड़ी घटनाओं से निपटने के लिए सेना को तैनात किया है. देश के कुछ जिलों को ‘‘अधिक खतरे’’ वाले स्तर पर रखा गया है और चक्रवात देश के तटीय क्षेत्र के निकट पहुंच रहा है. बांग्लादेश की सेना, नौसेना और वायुसेना ने महाचक्रवात से निपटने की तैयारी कर ली है, चक्रवात बांग्लादेश के तट की ओर 400 किमी अंदर आ गया है और आज शाम तक इसके असर दिखाने की आशंका है.
उम्पुन तूफान का असर ओडिशा के कई शहरों में दिखने लगा है. ओडिशा के भद्रक में तेज तूफान के चलते एक मकान गिर गया जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई.
मौसम विज्ञान विभाग के कार्यालय ने बताया कि ‘उम्पुन’ के सुंदरवन पहुंचने के बाद उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ने और इसके पूर्वी सिरे के कोलकाता के निकट से गुजरने की संभावना है जिससे शहर के निचले इलाकों में भारी नुकसान होने और बाढ़ आने की आशंका है. 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तरी दिशा की ओर बढ़ रहा तूफान बुधवार 11 बजे कोलकाता से 300 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित था. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि इसके कमजोर होकर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल के नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों से गुजरने की संभावना है और इसके बाद यह बृहस्पतिवार दोपहर को बांग्लादेश में गहरे दबाव के रूप में पहुंचेगा. केंद्र के आस-पास हवाओं की गति लगातार 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा बनी रही, जिन्होंने बीच-बीच में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी.
उम्पुन तूफान के असर से ओडिशा के पारादीप में 102 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. यहां कई पेड़ जड़ से उखड़ गए है. जगह-जगह से तबाही की तस्वीरें आ रही हैं.
चक्रवात उम्पुन दोपहर 12:30 बजे बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर दीघा, पश्चिम बंगाल के दक्षिण-पूर्व में करीब 95 किलोमीटर पर एक अत्यंत भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में केंद्रित था: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग
एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में ताजा जानकारी देते हुए बताया कि बचाव दल और प्रशासन ‘अमावस्या’ होने के कारण चार से छह मीटर ऊंची तूफानी या ज्वारभाटा की लहरों से निपटने के लिए तैयार है.
उम्पुन तूफान से पश्चिम बंगाल और ओडिशा को ज्यादा खतरा है. आपको बताते हैं कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के वो कौन से इलाके हैं जो हाई अलर्ट पर हैं. पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, ईस्ट मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा, हुगली. ओडिशा में भद्रक, बालासोर, जाजपुर, मयूरभंज. भारत के दो राज्य कोरोना खतरे के बीच ताबाही बाले तूफान उम्पुन की चुनौती सामना करने वाले हैं.
उम्पुन तूफान की आहट दिखने लगी है. कल से तेज बारिश हो रही है. कोलकाता, उत्तर २4 परगना , दक्षिण २4 परगना , मेदिनीपुर में भारी बारिश व तेज हवाएँ चल रही हैं. तटवर्ती इलाक़ों में अलर्ट जारी किया गया है. दुकानों, दफ़्तरों को बंद करने की हिदायत दी गयी है. एनडीआरएफ की टीमें तैयार हैं और मौके पर मौजूद है. वहीं मछुआरों को मछली पकड़ने पर रोक लगायी गयी है. इच्छामती नदी उफान पर है. नदी किनारे रहने वाले 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.
पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना में उम्पुन तूफान से पहले ही असर दिखना शुरू हो गया है. काकद्वीप इलाके में बादल छाए हुए हैं. जलस्तर बढ़ गया है साथ ही राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है.
पारादीप से 100 किलोमीटर दूर है चक्रवात सुपर साइक्लोन उम्पुन. आशंका जताई जा रही है कि आज दोपहर 2 बजे तूफान टकरा सकता है. वहीं पश्चिम बंगाल में आज शाम तक पहुंच सकता है तूफान. ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तट से भी टकराएगा तूफान.. खतरे को देखते हुए विशाखापट्टनम तट पर हाई अलर्ट पर तैनात है नेवी. तूफान की रफ्तार 170 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की आशंका है.
आज दोपहर उम्पुन तूफान तेज़ रफ़्तार से दस्तक देने जा रहा है. तूफ़ान के असर से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाक़ों में तेज़ हवा के साथ बारिश शुरू हो गई है. उम्पुन तूफ़ान का असर फिलहाल ओडिशा में ज़्यादा देखा जा रहा है. यहां राजधानी भुवनेश्वर, केन्द्रापाड़ा, भद्रक और पारादीप में तेज़ बारिश हो रही है. आज देर शाम तक उम्पुन तूफान पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में लैंडफॉल करेगा. तूफान को देखते हुए अभी तक पश्चिम लाखों लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है. उम्पुन तूफ़ान के बारे में कहा जा रहा है कि पिछले 20 साल में ये सबसे तेज़ तूफ़ान होगा.
मौसम विभाग के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने दावा किया है कि उम्पुन तूफान का असर ओडिशा पर बहुत ज्यादा नहीं होगा
सुपर साइक्लोन उम्पुन दोपहर तक पश्चिम बंगाल के तट से टकराएगा. तूफान की रफ्तार 155 से 165 किमी प्रति घंटे हो सकती है जो अधिकतम 185 किमी प्रति घंटे हो सकती है.
उम्पुन तूफान पर इस वक्त बड़ी खबर आ रही है. उम्पुन तूफान को देखते हुए ओडिशा के बालासोर और भद्रक जिले से करीब 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. जबकि पश्चिम बंगाल में करीब 3 लाख 30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
उम्पुन तूफान के खतरे को देखते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राहत ऑपरेशन- ओडिशा में एक लाख लोग निकाले गए- दिल्ली में पीएम आवास पर हो रही है कैबिनेट मीटिंग
बैकग्राउंड
कोलकाता: सुपर साइक्लोन 'उम्पुन' आज पश्चिम बंगाल पहुंच जाएगा. 21 सालों में बंगाल की खाड़ी में बना यह अब तक का सबसे खतरनाक तूफान है. मौसम विभाग ने कहा है कि सुपर साइक्लोन के आज दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल तट पर असर पड़ने की आशंका है. 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 185 किमी प्रति घंटे तक चलने वाली बहुत तेज हवा चलने के आसार हैं, साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश और 4-5 मीटर की तेज हवाएं चल सकती हैं.
पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता के जिलों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. चक्रवात की क्षति संभावित चक्रवात "बुलबुल" की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है, जो 9 नवंबर 2019 को पश्चिम बंगाल तट से टकरा गई थी.
बचाव दल अलर्ट
चक्रवात ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भारी वर्षा, स्क्वैली हवाओं और तूफान को भी लाएगा. उम्पुन के उत्तर-उत्तरपूर्व की दिशा में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने और आज दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप से गुजरने का अनुमान है. इसे देखते हुए आर्मी, एयर फोर्स के साथ एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया है.
20 टीमें ओडिशा में तैनात की गई है. जिसमें 5 टीमें रिजर्व में हैं. 19 पश्चिम बंगाल में और 2 रिजर्व हैं. वायरलैस और सेटेलाइट संचार के साधन हैं के साथ सभी टीमों को भेजा गया है. सागर द्वीप और कागद्वीप जो पश्चिम बंगाल के 24 परगना इलाके में हैं वहां तूफान के हिट करने की आशंका है. देश में NDRF की 24 टीमों को रेड हॉट अलर्ट पर रखा गया है.
21 साल बाद आया सबसे खतरनाक तूफान
1999 के बाद अब तक बंगाल की खाड़ी में बना यह अब तक का सबसे खतरनाक तूफान है. तूफान में हवाओं की गति निरंतर 155 से 165 किलोमीटर प्रति बनी रहेगी जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. 'उम्पुन’ का केंद्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर था, जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 520 किलोमीटर दक्षिण, दीघा से 670 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और बांग्लादेश के खेपुपारा से 800 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है.
मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि दोहरी चुनौती है. कोरोना के समय में चक्रवाती तूफान आया है. चक्रवाती तूफान अभी भी सुपर साइक्लोन की श्रेणी में है. इसका खतरा अभी बना हुआ है. इसकी मारक क्षमता भी अधिक हो सकती है.
यह तूफान 15 किमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. तूफान के तट से टकराने के वक्त 155-165 किमी प्रतिघंटा कई रफ्तार से टकरा सकता है. अधिकतम 185 किमी प्रतिघंटा हो सकता है. हवाएं इतनी तेज होंगी कि सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित होगा. इसलिए इन्हें फिलहाल प्रभावित इलाकों में रोकने का फैसला किया गया है.
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