आगरा,नितिन उपाध्याय. मैं ताजमहल हूं. मैं दुनियां के सात अजूबों का सरताज हूं. मेरी पहचान संगमरमरी बदन से है. दुनियां भर में मेरे दीवाने हैं. मगर आज अकेला हूं. मैं तन्हा हूं. मैं उदास हूं. मैं मायूस हूं. कद्रदानों के स्वागत को रॉयल गेट बेकरार है. मेरा जर्रा जर्रा दीवानों की राह देख रहा है. क्योंकि, 372 साल में कभी मैं इतना तन्हा नहीं रहा. आज मेरे बेमिसाल हुस्न की कहानी सुनने वाला कोई नहीं है और न बेपनाह मोहब्बत में कसीदे गढ़ने वाला कोई है.


कद्रदानों और दीवानों के स्वागत के लिए मेरे आंगन में फूलों की क्यारियां खूब महकीं. पेंजी, डहेलिया, सॉल्विया के रंग बिरंगे फूल भी खिलखिलाए. मगर कोरोना के कहर से मेरे आंगन में ढाई महीने से ज्यादा वक्त से खामोशी है. मगर जिंदगी कभी किसी के लिए नहीं रुकती... 'शो मस्ट गो ऑन...'. उम्मीद है कि मेरा आंगन भी जल्द गुलजार होगा.


बता दें कि, मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था. सन् 1632 से 1648 के बीच बनकर तैयार हुआ. तब से ताज के दरवाजे लगातार कई दिनों के लिए तीन बार बंद हुए हैं.


यह कहा गया मेरे हुस्न पर


1. 'ताजमहल काल के कपोल पर एक आंसू हूं'.
गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर


2. ' दुनियां में दो तरह के लोग हैं, एक वो जिन्होंने ताजमहल देखा है और दूसरे वो जिन्होंने ताजमहल नहीं देखा'।
बिल क्लिंटन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति.


यह भी मेरे मुरीद हुए
-24 फरवरी-2020 को दुनियां के ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका ताजमहल का दीदार किया.



फाइल फोटो

कोरोना से यूं हुआ घटनाक्रम
-13 मार्च 2020 की मध्य रात्रि से सभी विदेशी पर्यटकों के वीजा स्थगित कर दिए गए.


-17 मार्च -2020 की सुबह ताजमहल सहित देश के सभी स्मारक 31मार्च-2020 तक बंद कर दिए गए.


- 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू.


- लॉकडाउन-1, लॉक डाउन-2, लॉक डाउन-3, लॉक डाउन-4


भारत- पाक युद्ध ( सन1971)


सन् 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान दिसंबर में 15 दिनों के लिए ताजमहल में पर्यटकों का प्रवेश बंद किया गया था.

सन् 1978 में बाढ़
सन् 1978 में जब आगरा में बाढ़ आई थी। इस दौरान सितंबर के महीने में एक सप्ताह के लिए ताजमहल को बंद किया था। बाढ़ का पानी पूरे शहर में आ गया था। लोग बाढ़ का पानी देखने के लिए ताजमहल जाते थे.


- प्रथम विश्व युद्ध में भी ताज महल को कुछ दिन के लिए बंद किया गया था.


- द्वितीय विश्व युद्ध में भी ताज महल कुछ दिन के लिए बंद रखा गया था.


यह टूट गई परंपरा
- 372 साल में पहली बार शाहजहां के 365 वें उर्स में परंपरा टूट गई. ताजमहल में 21 से 23 मार्च के बीच तीन दिवसीय उर्स का आयोजन होना था, लेकिन इससे पहले ही संस्कृति मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ताजमहल समेत स्मारकों को बंद कर दिया. इसके बाद देश में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया.


- 372 साल में इस बार ईद पर भी ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज अदा नहीं की गई. जब से ताज महल बना है, तबसे लगातर ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज अदा की जा रही है.


2000 करोड़ का कारोबार, करीब 5 लाख लोगों की रोजी रोटी
ताजमहल देखने देश-विदेश से रोज 25 से 30 हजार पर्यटक आते हैं. टूरिस्ट सीजन में संख्या 35 से 40 हजार पहुंच जाती है. हर साल करीब दो हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है. ताजमहल से एएसआई को टिकटों से सालाना 104 करोड़ रुपए की आमदनी होती है. लगभग चार लाख लोगों की रोजी रोटी ताज से जुड़ी है.


सन 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान भी ताजमहल को बंद किया गया था. सन 1978 में ताज महल में एंट्री बंद किया गया है. पहले कभी भी ताज इतने ज्यादा लंबे समय के लिए बंद हुआ. कोरोना के चलते ताजमहल बंद है. और ऐसा लग रहा है कि ताज अपने आप को भूल गया है या लोग ताजमहल को भूल गए हैं.


पर्यटकों के आंकड़े


भारतीय पर्यटक


वर्ष...............मार्च..........अप्रैल........मई


2019......492380....327683....387013


2020......... 176290....0000......00000



फाइल फोटो

विदेशी पर्यटक


वर्ष..............मार्च........अप्रैल........मई


2019......108373....58418.....31161


2020.......33375........0000.....00000


(नोट: यह आंकड़े 31 मई 2020 तक के ही हैं)


आगरा के मेयर नवीन जैन ने ताजमहल के साथ जिले के अन्य स्मारक खोलने की अपील केंद्र सरकार से की है. इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े करीब 5 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफर, ट्रेवल एजेंसी संचालक, होटल्स, एंपोरियम संचालक समेत अन्य तमाम लोग शामिल है.


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