भोपालः बुधवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 'लव जिहाद' को लेकर एक बड़ा एलान किया है. उन्होंने कहा है कि शादी में धर्मांतरण का दबाव बनाने का दोषी पाए जाने पर दस साल तक की सजा हो सकती है. उन्होंने ‘धर्म स्वतंत्रता विधेयक’ 2020 का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रदेश की सरकार ने पीड़ितों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर फैसला किया है. बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ‘लव जिहाद’ को लेकर अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी.
इस विषय पर और अधिक जानकारी देते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि शादी में धर्मांतरण का लालच देने, धमकाने और दबाव बनाने पर 10 साल की सज़ा होगी. वहीं, दिसंबर के दूसरे हफ्ते में इस विधेयक का मसौदा मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा. अगर सभी की मंजूरी मिलती है तो आगामी 28 दिसंबर 2020 से शुरू होने वाले सत्र के दौरान मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश किया जाएगा.
धर्मांतरण कराने से पहले डीएम को देना होगा ज्ञापन
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण कराना चाहता है तो उसे पहले विधेयक के तहत जिलाधिकारी को एक आवेदन देना होगा. इसके बाद धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति को एक महीने पहले जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी. नियम का उल्लंघन करने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा.
जबरन विवाह कराने वालों पर भी होगी कार्रवाई
गृह मंत्री ने जानकारी दी कि विधेयक के तहत उन मौलवियों, काज़ियों, पादरियों और पुजारियों के लिए 5 साल की सज़ा का प्रस्ताव पेश किया जाएगा, जो इस तरह के विवाह संपन्न कराते हैं. शादी के लिए धर्मांतरण का लालच देने, धमकाने और दबाव बनाने पर 10 साल की सज़ा दी जाएगा. इसके अलावा ऐसे मौलवी, धर्म गुरु या पादरी जो इस तरह से विवाह कराएंगे उन्हें पांच साल तक की सजा मिल सकती है.
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