सीएम उद्धव ठाकरे ने की जिलाधिकारियों के संग बैठक, कहा- कोरोना से निपटने के लिए अधिक होनी चाहिए जांच
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए वह हर दिन सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्यकर्मियों और कोरोना से निपटने वाले प्रमुख लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर रहे हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ-साथ कोरोना के निपटने में अहम भूमिका निभा रहे प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में राज्य पर हुए अब तक कोरोना के प्रबाव और उसकी आने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने जिलाधिकारियों को कहा कि राज्य के आर्थिक चक्र को फिर से शुरू करने कोशिश चल रही है और इसकी जिम्मेदारी हमारे हिस्से है. इसलिए इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें आगे आना पड़ेगा.
वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के जरिए बिना पैसे के मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. इसे हर जिले में प्रभावी तौर पर लागू करने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल में फ्री इलाज, ऑक्सीजन, प्लाज्मा थेरेपी, पल्स जांच करने की मशीनों सहित अन्य मेडिकल इंतजाम तैयार रखने की बात कही.
ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए एकदम फोकस होकर टेस्ट करने की जरूरत है. लोगों के घरों तक जाकर अधिक से अधिक सर्वे किया जाए. मरीजों को डिस्चार्ज करने के प्रोटोकॉल में मिलने वाली छूट को भी फॉलो किया जाए ताकि जल्द से जल्द कोरोना के संक्रमण को कम किया जा सके.
प्रोटोकोल के मुताबिक हो ईलाज
मुंबई के 'चेज़ द वायरस' मुहिम चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पर बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई में इससे जो सफलता मिली है, वह पूरे राज्य में लागू होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने राज्य भर के अस्पतालों तक सूचना जारी करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल और टास्क फोर्स के हिसाब से कोरोना को ट्रीट किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जिलों में छोटे अस्पतालों में सर्जरी की प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए और अस्पताल कोविड-19 में नहीं बदलना चाहिए वरना अस्पताल नहीं बचेंगे जो आम मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित हो.