महाराष्ट्र के अमरावती जिले में मेलघाट गांव और इसके आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इन क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए यहां के लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. लोग कच्चे रास्तों और ऊंचे पहाड़ों से होकर पानी लेने जा रहे हैं. इन क्षेत्रों में पानी का सिर्फ स्रोत एक कुआं, जो यहां के ग्रामीणों की जरूरत पूरा कर रहा है.
जैसे-तैसे ये ग्रामीण पानी भरकर ले कर आ रहे हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल करना इससे भी ज्यादा खतरनाक है. कुएं का दूषित और अस्वस्थ पानी लोगों को बीमार भी कर रहा है. इस गंदे पानी के लिए ग्रामीण मीलों पैदल चल रहे हैं. चिखलदारा के एकझीरा गांव की रहने वाली शांति चिमोटे का कहना है कि वह दिन में तीन बार कुएं से पानी लेने जाती हैं. फिर भी उन्हें रोजाना की जरूरत जितना पानी नहीं मिल पाता है. ऊंचे-नीचे पहाड़ी रास्ते आना-जाना बहुत खतरनाक होता है.
बुजुर्ग ग्रामीणों को परेशानी
वह कहती हैं कि जो पानी वह लेकर आते हैं, वो साफ पानी नहीं होता है. गांव में अकेले रहने वाले बुजुर्गों को इन दिनों काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें अपने इस्तेमाल के लिए पानी लाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उनसे पहाड़ी रास्ते नहीं चढ़े जाते. जैसे-तैसे वह पानी लाते हैं, लेकिन गंदा पानी उनको स्वास्थ्य समस्याएं देता है.
गांव के नज़दीक बांध
यहां के लोगों का कहना है कि यहां पानी की समस्या पिछले कई सालों से है. वह सरकार से अपील करते हैं कि यहां जल्द से जल्द पानी की व्यवस्था करने ग्रामीणों को राहत दें. आपको बता दें कि एकझिरा गांव कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर शाहननोर और चंद्रभागा बांध है. अमरावती और अकोला शहर में तो पानी आता है, लेकिन गांव के लोगों को अब भी पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है.