मेघालय: मेघालय कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विंसेंट एच पाला ने कहा कि बैपटिस्ट चर्च के एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के अध्यक्ष का वीजा नामंजूर किए जाने की घटना से 27 फरवरी को होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और उसकी सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को नुकसान पहुंच सकता है.


ईसाई नेता इस महीने की शुरूआत में एक चर्च की 150वीं सालगिरह में हिस्सा लेने के लिए मेघालय आने वाले थे लेकिन उनके वीजा का आवेदन कथित रूप से नामंजूर कर दिया गया. बीजेपी और पीपीपी मेघालय की मौजूदा कांग्रेस सरकार को हटाकर सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं. राज्य की 30 लाख की आबादी का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा ईसाइयों का है. 2013 के चुनाव में खाता खोलने में भी नाकाम रही बीजेपी ने इस बार 60 सदस्यीय विधानसभा की 47 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं और 40 सीटें जीतने का बड़ा लक्ष्य तय किया है.


गौरतलब है कि केंद्र ने पिछले हफ्ते पॉल म्सिजा का वीजा नामंजूर कर दिया था. मामले को लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आखिरी समय में किए गए फोन कॉल के बावजूद पॉल कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाए. बीजेपी ने मामले में स्पष्टीकरण जारी किया था.


कैथोलिक चर्च के एक नेता ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर कहा, "हम यह कैसे कह सकते हैं कि भाजपा समावेशी है और देश में सबके लिए खड़ी होगी जब इस तरह की कोई घटना (वीजा मामला) होती है." उन्होंने कहा कि पॉल चर्च के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आने वाले थे ना कि लोगों का धर्मांतरण करवाने. कांग्रेस नेता ने कहा कि पॉल जब दो साल पहले गारो हिल्स आए थे तब उन्हें निगरानी में रखा गया था.


मेघालय में बीजेपी की चुनावी रैलियों में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं दिख रही. यहां तक कि शुक्रवार को यहां हुई उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली में भी बड़ी भीड़ जमा नहीं हुई.