Manipur woman Paraded Naked: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना से पूरे देश में रोष है. मणिपुर की राजधानी इम्फाल से महज 35 किमी. दूर कांगपोकपी जिले के एक गांव में 3 मई को आदिवासी कुकी जनजाति की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके हिंसक दरिंदों ने सार्वजनिक रूप से घुमाया था. रास्ते भर उनके साथ बदसलूकी भी करते रहे.


इसके बाद उसमें से एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने की जानकारी उजागर होने के बाद से मीडिया और सोशल मीडिया में यह मामला जंगल की आग तरह फैल रहा है.


चारों ओर इस जघन्य अपराध और घृणित कार्य की घोर निंदा हो रही है. पीएम मोदी से मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने के साथ अपराधियों को कठोर से कठोर दंड देने की मांग की जा रही है. आखिर कौन हैं वह लोग जिन्होंने इस हैवानियत को अंजाम दिया. आइए हम आपको इनके बारे में बताते हैं. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वह सभी मैतेई समाज से बताए जा रहे हैं. चूंकि मुख्य मंत्री एन. बीरेन सिंह भी इसी समाज से आते हैं. इसलिए पीड़ित पक्ष कुकी समाज उनके ऊपर पक्षपात का आरोप लगा रहा है.  


मैतेई समाज के हैं आरोपी


हैवानियत की हदें पार करने वाली यह घटना तो 4 मई की बताई जा रही है. मगर इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. वीडियों में इस घिनौनी वारदात के समय तो बदमाशों की एक पूरी निर्लज्ज भीड़ साथ चलते दिखाई दे रही थी. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने मुख्य रूप से चार आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. यह चारो आरोपी मणिपुर की बाहुल्य जाति मैतेई के बताए जा रहे हैं.


वहीं इसी समुदाय से आने वाले सीएम एन बीरेन सिंह ने आश्वासन दिया है कि घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है. आरोपियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की रिपोर्ट पहले ही लिखी जा चुकी है. वहीं एक अन्य खबर के अनुसार इस घटना के एक मुख्य आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन उसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.


मणिपुर की आधी आबादी मैतेई समुदाय की 


मणिपुर की आबादी करीब 31 लाख के करीब है. जिसमें से 50 प्रतिशत अकेले मैतेई जाति के हैं. इनका हर क्षेत्र में वर्चस्व रहता है. यह जाति इम्फाल घाटी में मुख्य रूप से रहती है. मणिपुर के कानून के अऩुसार मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ों पर नहीं रह सकते. वहां सिर्फ कुकी और नगा जनजाति के लोग रह सकते हैं. मैतेई समुदाय के लोग आर्थिक रूप से भी अधिक समृद्ध होते हैं. वहीं पीड़ित महिलाओं की बात की जाए तो वह आदिवासी कुकी जनजाति से आती हैं. इसके अलावा और बड़ी आबादी यहां नगा जनजाति की है. इन दोनों जातियों का आबादी में 40 फीसद हिस्सा है. इसके अलावा अन्य 34 जनजातियां भी पहाड़ों पर रहती हैं.


घटना को सामने आने में इसलिए हुई देरी


महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना के पहले मैतेई और कुकी जनजाति में भयानक संघर्ष हुआ था. मैतेई समाज को शेड्यूल्ड ट्राइब्स का दर्जा देने के खिलाफ कुकी समाज के लोग प्रदर्शन करते हुए रैली निकाल रहे थे. इस कारण मैतेई समाज से उनका खूनी संघर्ष हो गया, जिसमें अभी तक 150 लोग मारे जा चुके हैं. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए सरकार को केंद्रीय पुलिस बल तैनात करने के साथ इंटरनेट बंद करना पड़ा. विगत 3 मई से मणिपुर और इम्फाल घाटी में इंटरनेट बंद था. जिसके कारण इस घटना का वीडियो तो उसी दिन बना था, लेकिन वह वायरल नहीं हो पाया. अब जब इंटरनेट सेवा दोबारा शुरू हुई तो आराजक तत्वों ने इसे वायरल कर दिया. हालांक केद्र सरकार ने अब इस वीडियो को सोशल मीडिया पर बैन कर दिया है.


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