लखनऊ. कानपुर में खतरनाक अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम जबरदस्त हमला किया गया. इस मुठभेड़ में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस जवान शहीद हो गये. देवेंद्र अनुभवी पुलिस अफसर थे. वे 2016 के पीपीएस अधिकारी थे. इंस्पेक्टर से प्रमोट होकर सीओ बनाये गये थे. कानपुर देहात के चौबेपुर में हुये इस ऑपरेशन के लिये उन्होंने तेज तर्रार पुलिस जवानों की एक टीम बनाई थी. इसमें एसओ समेत चौबेपुर और बिठूर पुलिस के अनुभवी दारोगा शामिल किये गये थे. सीओ देवेंद्र मिश्रा का नौ महीने बाद रिटायरमेंट था.
कुख्यात अपराधी विकास को पकड़ने के दौरान मुठभेड़ में शहीद हुए सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्र मार्च 2021 में रिटायर होने वाले थे. वे मूलरूप से बांदा के महेबा गांव के निवासी थे. उनके परिवार में पत्नी आस्था और दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है, वहीं छोटी बेटी 12वीं में पढ़ती है. उनका परिवार स्वरूपनगर में पॉमकोट अपार्टमेंट में रह रहा है, उनकी मौत की खबर के बाद परिवार वाले गमगीन हैं.
परिवार में उनके अलावा भाई राजीव मिश्र हैं, जो डाकघर में कार्यरत हैं, जबकि दूसरे भाई आरडी मिश्र महेबा गांव के पूर्व प्रधान हैं. रिश्तेदारों से मिली जानकारी के मुताबिक देवेंद्र मूलगंज, रेलबाजार, नजीराबाद, बर्रा, किदवई नगर समेत कई थानों में प्रभारी रह चुके हैं. उन्हें वर्ष 1980 में दारोगा की तैनात मिली थी. तबादले पर शहर आए देवेंद्र मिश्रा को स्वरूप नगर सीओ बनाया गया था, इसके बाद उनका तबादला बिल्हौर हो गया था.
इंस्पेक्टर से सीओ बने थे देवेंद्र
कानपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा 2016 के पीपीएस अफसर थे. इंस्पेक्टर से प्रमोट होकर देवेंद्र कुमार सीओ बनाये गये थे. 13 जुलाई 2016 को हाथरस में इंस्पेक्टर की तैनाती पर मिला था सीओ का प्रमोशन. सीओ बनने के बाद गाजियाबाद में डिप्टी एसपी के तौर पर पहली तैनाती हुई थी. देवेंद्र मिश्रा 6 अगस्त 2016 से 1 अगस्त 2017 तक गाजियाबाद में तैनात रहे. गाजियाबाद जिला पुलिस से हटने के बाद गाजियाबाद पीएसी में भी पोस्टिंग रही. 11 अक्टूबर 2018 को देवेंद्र कुमार मिश्रा कानपुर में सीओ बनकर आए थे.
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