Meghalaya High Court: अधेड़ व्यक्ति ने नाबालिग बच्ची के हाथ को कहा सुंदर, कोर्ट ने सुनाया ये अहम फैसला
कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि 55 साल के आरोपी के खिलाफ केस बंद किया जाए. क्योंकि इस मामले में सुनवाई करने के बावजूद भी इसमें कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है.
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Posco Act Case Hearing: मेघालय हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, किसी भी बच्ची का हाथ पकड़कर ये कहना कि तुम्हारे हाथ सुंदर हैं इसे यौन उत्पीड़न की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता. ये पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत ये यौन उत्पीड़न की श्रेणी में नहीं आता है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए आगे कहा कि 55 साल के आरोपी के खिलाफ केस बंद किया जाए. क्योंकि इस मामले में सुनवाई करने के बावजूद भी इसमें कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है.
मेघालय हाई कोर्ट की ये टिप्पणी जिसमें अदालत ने कहा कि किसी भी बच्ची का हाथ पकड़कर ये कहना कि तुम्हारे हाथ सुंदर हैं इसे यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता एक मामले की सुनवाई के दौरान की. दरअसल, एक 9 साल की बच्ची की ओर से 55 साल के बुजुर्ग पर ये आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने उससे पीने के लिए पानी मांग. जब बच्ची ने बुजुर्ग को पीने के लिए पानी का गिलास दिया तो उस शख्स ने बच्ची का हाथ पकड़कर कहा कि तुम्हारे हाथ बहुत सुंदर हैं. मामल कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया गया. जिस पर अदालत की ओर से सुनवाई के दौरान टिप्पणी की गई कि एक छोटी बच्ची के हाथों की तारीफ करना, किसी भी नजर में कानूनी अपराध नहीं हो सकता.
कोर्ट ने गिनाए ये कारण
इस मामले में मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) ने कहा कि जहां ये घटना हुई वो एक सार्वजनिक स्थान है. उस समय वहां पर काफी लोग आसपास मौजूद थे. वहीं लड़की का घर पर नजदीक ही था. ये घटना भी दिन के समय हुई थी. आरोपी का संपर्क महज कुछ सेकण्ड के लिए हुआ था. इस प्रकार के संपर्क को सेक्सुअल इरादा नहीं माना जा सकता. वहीं आरोपी ने भी इस मामले में खुद माना है कि उसने लड़की का हाथ पकड़कर उसकी तारीफ की थी. जिससे साबित होता है कि आरोपी ने छेड़छाड़ के इरादे से ये काम नहीं किया था. ऐसे में इस घटना को पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध नहीं माना जा सकता.
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