एक्सप्लोरर

किरेन रिजिजू पर एक्शन, मेघवाल का प्रमोशन..., फेरबदल से मोदी सरकार ने उलझाई 5 पहेली

किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटाए जाने के बाद कई पहेलियां उलझ भी गई है. इनमें कैबिनेट विस्तार जैसे प्रमुख मसले भी हैं. इधर, रिजीजू ने एक्शन को चुनावी बताया है.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के खिलाफ लगातार मोर्चा खोलने वाले किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय ले लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फेरबदल का आदेश जारी किया है. 

रिजिजू को भू-विज्ञान विभाग की जिम्मेदारी मिली है. पहले यह विभाग जितेंद्र सिंह के पास था. सिंह के पास स्वतंत्र प्रभार में अब सिर्फ विज्ञान और तकनीक मंत्रालय का प्रभार रहा.

अर्जुन राम मेघवाल देश के नए कानून मंत्री होंगे. मेघवाल की नियुक्ति को सियासी गलियारों में 2 नजरिए से देखा जा रहा है. पहला, मेघवाल का प्रमोशन कर राजस्थान को साधने की कोशिश और दूसरा सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच जारी तकरार पर विराम लगाने की कोशिश.

मेघवाल सुलझे और साफ छवि के नेता माने जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी भी हैं. आईएएस अधिकारी रह चुके मेघवाल राजनीति शास्त्र, कानून और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके हैं. मेघवाल 2009 में बीकानेर सीट से पहली बार सांसद चुने गए थे. 

किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटाए जाने के बाद कई पहेलियां उलझ भी गई है. इनमें कैबिनेट विस्तार जैसे प्रमुख मसले भी हैं. आइए इस स्टोरी में इन्हीं 5 पहेलियों और सियासी गुत्थियों के बारे में विस्तार से जानते हैं...

1. क्या मोदी कैबिनेट विस्तार अभी नहीं होगा?
अमूमन मंत्रियों का विभाग कैबिनेट फेरबदल के वक्त बदला जाता है. मोदी कैबिनेट में पिछले 9 साल में तो यही परंपरा रही है, लेकिन पहली बार फेरबदल से पहले कैबिनेट मंत्री का विभाग बदला गया है. 

कर्नाटक चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार की अटकलें लग रही थी. रिजिजू पर एक्शन के बाद अब सवाल उठ रहा है क्या मोदी कैबिनेट में हाल-फिलहाल में कोई बदलाव नहीं होगा? 

यह सवाल इसलिए भी कि फेरबदल के वक्त विभागों के अदला-बदली पर इतनी हायतौबा नहीं मचती है. कानून मंत्री पद से रिजिजू के हटने की हटने की खबर सोशल मीडिया पर ट्रेंड में है.

2. क्या किरेन रिजिजू का यह डिमोशन है?
किरेन रिजिजू मोदी कैबिनेट में 2014 से ही मंत्री पद पर हैं. रिजिजू 2014-2019 तक गृह विभाग में राज्य मंत्री रहे. 2019 में उन्हें फिर मंत्री बनाया गया और अल्पसंख्यक विभाग में राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया. 

हालांकि, उसी साल उनका प्रमोशन भी हुआ और स्वतंत्र प्रभार में उन्हें खेल मंत्रालय का मंत्री बनाया गया. 2021 के कैबिनेट विस्तार में रिजिजू का प्रमोशन हुआ और उन्हें कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया. 

रविशंकर प्रसाद की जगह रिजिजू को कानून मंत्रालय का भार मिला. रिजिजू को अब भू-विज्ञान विभाग में भेज दिया गया है. अब तक स्वतंत्र प्रभार स्तर के मंत्री जितेंद्र के पास इस विभाग की कमान थी.

2006 में मनमोहन सरकार के वक्त भू-विज्ञान मंत्रालय बनाया गया था. उस वक्त पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए कपिल सिब्बल को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. मोदी सरकार में हर्षवर्धन और जितेंद्र सिंह इस विभाग के मंत्री रह चुके हैं.

3. कार्रवाई की वजह सुप्रीम कोर्ट से रिश्ता?
पिछले कई महीनों से सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे. कई बार विपक्ष न्यायपालिका वर्सेज सरकार के रूप में भी इसे प्रचारित कर रही थी. न्यायपालिका में नियुक्ति से लेकर मामले की सुनवाई तक में सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच तकरार देखने को मिली रही थी.

इसी साल जनवरी और मई में जजों की नियुक्ति को लेकर जांच एजेंसी आईबी और रॉ की रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई, जिसके बाद कानून मंत्री ने केंद्र पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बंद लिफाफे में रिपोर्ट लेने से इनकार कर दिया था. 

समलैंगिकता समेत कई मुद्दों पर सुनवाई को लेकर भी कानून मंत्री ने कोर्ट पर निशाना साधा था. कानून मंत्री के बयान को सीधे तौर पर सरकार का बयान माना जाता है, इसलिए इस एक्शन को सुप्रीम कोर्ट से रिश्ता सुधारने के रूप में भी देखा जा रहा है. 

4. रविशंकर प्रसाद का वनवास बढ़ गया?
2014 के बाद मोदी कैबिनेट में सबसे अधिक दिनों तक रविशंकर प्रसाद कानून मंत्री रहे हैं. प्रसाद करीब साढ़े पांच सालों तक इस पद पर रहे. 2021 के कैबिनेट फेरबदल में विभाग के साथ ही प्रसाद को मंत्रिमंडल से भी छुट्टी हो गई थी. 

बिहार में बदले राजनीतिक हालात और सुप्रीम कोर्ट से सरकार के बिगड़ते रिश्तों के बीच प्रसाद के वापसी की अटकलें लग रही थी, लेकिन जिस तरह से अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का जिम्मा मिला है. इससे प्रसाद की वापसी पर ग्रहण लग सकता है.

कानून मंत्रालय से हटाए जाने के बाद किरेन रिजिजू ने एबीपी न्यूज से बात की है. रिजिजू ने एक्शन को चुनाव से जोड़ा है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार अगर होता भी है, तो चुनावी राज्यों को ज्यादा तरजीह दी जाएगी. बिहार में 2025 में विधानसभा के चुनाव हैं.

5. बार-बार क्यों बदलना पड़ रहा है कानून मंत्री?
मोदी सरकार को पिछले 9 साल में 5वीं बार कानून मंत्री बदलने पड़े हैं. सूचना प्रसारण और पेयजल (अब जलशक्ति) मंत्रालय के बाद यह रिकॉर्ड है. मोदी सरकार बनने के बाद पहले रविशंकर प्रसाद को कानून मंत्री बनाया गया था, लेकिन 167 दिन में ही उनकी छुट्टी हो गई थी. 

इसके बाद डीवी सदानंद गौड़ा कानून मंत्री बने. गौड़ा भी करीब डेढ़ साल तक इस पद पर रहे. गौड़ा के बाद फिर प्रसाद को बनाया गया. इस बार प्रसाद 5 साल का कार्यकाल पूरा करने में सफल रहे, लेकिन 2021 के बदलाव में उनकी कुर्सी चली गई.

रविशंकर प्रसाद के पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग बिल सरकार ने पेश किया था, जिसे 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 6 महीने बाद सदानंद गौड़ा से कानून मंत्रालय ले लिया गया था. 

कानून मंत्रालय का काम क्या होता है?
भारत में कानून और न्याय मंत्रालय के अंदर तीन विभाग (लेजिस्लेटिव, लीगल अफेयर्स और जस्टिस) है. लेजिस्लेटिव विभाग किसी भी बड़े मसले पर कानून बनाने का काम करती है. यह विभाग अन्य विभागों की ओर से बनाए गए कानून की वैधता भी जांचती है.

लीगल अफेयर्स यानी विधि कार्य विभाग अटॉर्नी जनरल और सॉलिसटर जनरल समेत सरकारी वकीलों को नियुक्त करती है. अटॉर्नी और सॉलिसटर सरकार से जुड़े मसले पर कोर्ट में पेश होते हैं. लीगल अफेयर्स विभाग मंत्रालयों को कानूनी सलाह देने का काम भी करती है.

वहीं जस्टिस डिपार्टमेंट में जजों की नियुक्ति का काम किया जाता है. 2009 में इस विभाग को गृह मंत्रालय से हटाकर कानून मंत्रालय में जोड़ा गया. कॉलेजियम से आए सिफारिश को जांच कर राष्ट्रपति के पास भेजने का काम यह विभाग करती है. 

रिजिजू बोले- और मेहनत से काम करुंगा, सिब्बल का तंज
कानून मंत्रालय छीनने के बाद किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. रिजिजू ने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और अन्य जजों का आभार जताया है.

रिजिजू ने भू-विज्ञान मंत्रालय मिलने पर और अधिक मेहनत से काम करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के विजन को पूरी तरह ले लागू किया जाएगा. वहीं रिजिजू से कानून मंत्रालय छीनने पर कपिल सिब्बल ने तंज कसा है.

वरिष्ठ अधिवक्ता व राजनीतिज्ञ कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए लिखा- कानून नहीं अब पृथ्वी विज्ञान मंत्री. कानूनों के पीछे के विज्ञान को समझना आसान नहीं है. अब विज्ञान के नियमों से जूझने की कोशिश करेंगे. गुड लक फ्रेंड.

कानून मंत्रालय का जिम्मा मेघवाल को ही क्यों मिला?
अर्जुन राम मेघवाल आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. इसलिए सरकार के विजन और योजनाओं को अमल में लाना अच्छी तरह जानते हैं. मेघवाल 2016 में पहली बार मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे. 

मेघवाल अब तक संसदीय, भारी उद्योग, जल संसाधन और वित्त जैसे मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके हैं. मेघवाल प्रधानमंत्री मोदी के गुडबुक में भी हैं. मेघवाल राजस्थान से आते हैं, जहां इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं.

दलित समुदाय से आने वाले मेघवाल बीकानेर से लगातार तीन बार सांसदी का चुनाव जीते हैं. मेघवाल के प्रमोशन से उत्तरी राजस्थान में बीजेपी को फायदा हो सकता है. 

मेघवाल के जरिए बीजेपी दलित वोटरों को भी साधने की कोशिश करेगी. राजस्थान में करीब 18 फीसदी दलित वोटर्स हैं. राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में 34 सीटें दलित समुदाय के लिए रिजर्व है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Railway Station Stampede: एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

USA में Health Aid को लेकर क्यों हो रही है Problems? | Health LiveNew Delhi Railway Station Stampede: स्टेशन पर भगदड़ का कसूरवार कौन? कैसे मची भगदड़? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: फेल क्राउड मैनेजमेंट...प्लेटफॉर्म बदलने का अनाउंसमेंट? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: पिछले हादसों से क्यों सबक नहीं लेता रेल मंत्रालय? | Breaking | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Railway Station Stampede: एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
क्या शहरों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ? जान लें काम की बात
क्या शहरों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ? जान लें काम की बात
IPL 2025 DC Schedule: 25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
कोरोना जैसी महामारी का खतरा बढ़ा रहीं ये आठ बीमारियां, जानें इनके बारे में हर एक बात
कोरोना जैसी महामारी का खतरा बढ़ा रहीं ये आठ बीमारियां, जानें इनके बारे में हर एक बात
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.