उत्तराखंड में प्रवासी कामगारों के लौटने का सिलसिला जारी, अबतक एक लाख 89 हजार से ज्यादा लोग वापस आये
कोरोना महामारी के चलते लगाये गये लॉकडाउन के बाद अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों के उत्तराखंड लौटने का सिलसिला जारी है. अबतक दो लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है.
देहरादून. उत्तराखंड में अन्य राज्यों से लगातार प्रवासियों की वापसी का सिलसिला जारी है. बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने के लिये दो लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेश करवाया है. अबतक राज्य में एक लाख 89 हजार से ज्यादा लोग वापस आ चुके हैं. वापस लौट रहे लोगों के लिये उत्तराखंड सरकार रोजगार, आवास जैसी व्यवस्थाओं के लिये योजना बना चुकी है. राज्य सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सभी के लिये उनकी योग्यता के हिसाब से काम उपलब्ध करवायेगी.
देश के अलग अलग हिस्सों से लोग उत्तराखंड लौट रहे हैं. दिल्ली से अबतक 71 हजार से ज्यादा आ चुके हैं. हरियाणा से 25 हजार से ज्यादा, राजस्थान से 9 हजार, गुजरात से 8 हजार और महाराष्ट्र से 13 हजार से ज्यादा प्रवासी लौटे हैं।. वहीं यूपी से 29 हजार से ज्यादा प्रवासी वापस आये हैं.
अगले कुछ दिनों में हजारों और प्रवासी कामगार व मजदूर उत्तराखंड लौटने वाले हैं. प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने इन प्रवासियों की तादाद को देखते हुए अलग-अलग जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं, ताकि बाहर से आने वाले प्रवासियों की वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले. हालांकि कई जगहों से ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि प्रशासन इन प्रवासियों के ठहरने को लेकर समुचित इंतजाम नहीं कर पा रहा है.
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों को यहीं रोकने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए त्रिवेंद्र रावत सरकार भी गंभीर है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है. इसके तहत युवाओं को पशुपालन और दूध उत्पादन जैसे उद्यमों से जोड़ने की योजना है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से करीब 5 लाख प्रवासी उत्तराखंड लौट सकते हैं. एक बार लौटने के बाद ये प्रवासी दोबारा न लौटें, इसके लिए राज्य सरकार इन्हें रोजगार और स्वरोजगार जैसे उपायों से जोड़ना चाहती है. यही वजह है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की गई है.