भोपाल: मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने सरकार की तीर्थदर्शन योजना को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इस आयोजन को फिजूलखर्ची बताते हुए कहा कि धार्मिक आयोजन करना सरकार को काम नहीं है.


उन्होंने कहा कि मैं सरकार द्वारा कराए जाने वाली तीर्थयात्रा के खिलाफ हूं. इस पर जो पैसा खर्च किया जा रहा है उसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर लगाया जाना चाहिए.


सिंह ने कहा कि जो लोग तीर्थ दर्शन योजना में जाते हैं वे घूमने फिरने के उद्देश्य से जाते हैं और भक्तिभाव से नहीं जाते. अगर मेहनत के पैसों से भगवान के दर पर जाएं तो जीवन में खुशहाली आएगी.


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उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं वोटरों को लुभाने के लिए शुरू की गई थीं. इन्हें बंद किए जाने की आवश्यकता है. श्रद्धालुओं की मदद की जानी चाहिए, उन्हें सुविधाएं देनी चाहिए लेकिन तीर्थयात्राओं का आयोजन सरकार का काम नहीं है.


आपको बता दें कि एमरी सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है और ये सिंह की निजी राय है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ये बातें कहीं.


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एमपी सरकार ने 15 फरवरी से शुरू होने वाली धार्मिक यात्रा को रद्द कर दिया था. इसके लिए 4000 लोग जाने वाले थे. तभी से ये मामला सुर्खियों में है.


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि - भावनात्मक संबंधों को समझना कांग्रेस के बस की बात नहीं है! बुज़ुर्गों को तीर्थयात्रा कराना पवित्र और पुनीत कार्य है, ऐसे अच्छे कार्यों को कांग्रेस सरकार द्वारा बंद किया जा रहा है.