मध्यप्रदेश में सावरकर की फोटो लगी नोटबुक बंटवाने पर मचा बवाल, सत्ता पक्ष-विपक्ष आमने सामने
मध्य प्रदेश में हिंदुत्व के विचारक वीर सावरकर को लेकर विवाद छिड़ गया है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत की महान विभूतियों को अपमानित करने का आरोप लगाया है. दरअसल सारा विवाद स्कूल के हेड मास्टर के निलंबन से जुड़ा है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में स्कूल के हेड मास्टर के निलंबन पर सियासत शुरू हो गई है. राज्य सरकार के फैसले के विरोध मेें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कूद पड़े हैं. वहीं सरकार ने अपने बचाव में कार्यवाही को अनुशासन का हिस्सा बताया है. मामला रतलाम के मलवासा के सरकारी स्कूल का है. आरोप है कि स्कूल में सावरकर की फोटो लगी नोटबुक छात्रों को मुफ्त बांटी गई थी. जिसके बाद मामला तूल पकड़ता देख राज्य सरकार ने हेड मास्टर आर एन केरावत को सस्पेंड कर दिया.
प्रमुख हस्तियों का अपमान करने का आरोप
हेड मास्टर के खिलाफ की गई कार्यवाही पर विपक्ष ने हमला बोल दिया. शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है. शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, “आप सावरकर के प्रति नफरत में अंधे हो चुके हैं. आप अपने देश की प्रमुख हस्तियों का कांग्रेस की विचारधारा के चलते अपमान कर रहे हैं. प्रदेश आपकी कार्रवाई से अपमानित महसूस कर रहा है. आप से मांग की जाती है कि हेड मास्टर को तुरंत बहाल किया जाए.”
कमलनाथ जी, यदि आपने देश की इस महान विभूति, स्वतंत्रता सेनानी, वीर सावरकर के बारे में पढ़ लिया होता तो आप ऐसा निकृष्टतम कृत्य ना करते। मैं वीर सावरकर जनहितार्थ समिति से आग्रह करता हूं कि एक कॉपी आपको भी भेजें, ताकि आप इस महान विभूति द्वारा राष्ट्र के लिए किये योगदान को जान सकें।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 15, 2020
वहीं राज्य सरकार ने अपने बचाव में कहा है कि हेड मास्टर के खिलाफ कार्यवाही अनुशासन का हिस्सा थी.
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में वीर सावरकर मंच नाम की संस्था ने छात्रों को मुफ्त नोटबुक बांटी थी. नोटबुक के कवर पर हिंदुत्व के विचारक विचारक वीर सावरकर की फोटो लगी थी. जिसके बाद प्रशासन से हेड मास्टर के खिलाफ शिकायत की गई. प्रशासन ने मामले की गंभीरता देखते हुए हेड मास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जांच कमेटी बिठा दी. हेडमास्टर के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी डिविजनल कमिश्नर उज्जैन संभाग को सौंपी गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने हेड मास्टर आर एन केरावत को सस्पेंड कर दिया.
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