Mughal Emperor Jahangir Tomb in Lahore: भारत के इतिहास में 300 से ज्यादा साल ऐसे हैं, जोकि मुगलों के नाम पर दर्ज हैं. भारत में कई मुगल शासकों ने राज किया, जिनमें से एक औरंगजेब के दादा जहांगीर का नाम भी है. मुगल बादशाह अकबर के बेटे जहांगीर की कब्र की कहानी काफी दिलचस्प है.
जहांगीर की मौत के बाद उनकी आंतें भारत में दफनाई गईं तो बाकी शरीर पाकिस्तान के लाहौर ले जाया गया. इस तरह मुगल शासक जहांगीर की कब्र दो जगह पर मौजूद है.
कहां पर है जहांगीर का मकबरा?
जहांगीर की मौत 28 अक्टूबर, 1627 को राजौरी और भिम्बेर (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) के बीच 58 साल की उम्र में हुई. अपने जीवन के अंतिम समय में जहांगीर अपनी पत्नी नूरजहां के साथ लाहौर में थे, जिसके बाद आबो-हवा बदलने के लिए दोनों ने कश्मीर जाने का फैसला लिया. धीरे-धीरे जहांगीर की तबियत बिगड़ने लगी और 28 अक्टूबर को राजौरी में जहांगीर की मौत हो गई.
कायदे से जहांगीर की कब्र लाहौर में होना ही ठीक माना जाता है. निधन के बाद जहांगीर के अवशेष, खासकर आंतों को जम्मू-कश्मीर के चिंगुस सराय में एक अस्थाई कब्र में दफ्न कर दिया गया. अंतड़ियां निकालने के बाद जहांगीर के शरीर को बैठी हुई पोजीशन में पालकी में बैठाकर लाहौर लाया गया. जहांगीर की कब्र पाकिस्तान के लाहौर शहर में रावी नदी के किनारे शाहदरा बाग में स्थित है.
अनारकली का मकबरा
आपने जहांगीर (सलीम) और अनारकली की प्रेम कहानी के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि सलीम ने अनारकली की याद में एक मकबरा भी बनवाया था, जोकि लाहौर में मौजूद है. सलीम और अनारकली को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अनारकली बादशाह अकबर के हरम की सदस्य थीं. वहीं कुछ का कहना है कि अनारकली ईरान से लाहौर व्यापारियों के एक कारवां के साथ आई थीं, जिसकी खूबसूरती के चर्चे खूब थे और सलीम उनके प्यार में दीवाने हो गए.
अनारकली की मौत असल में एक रहस्य बनी हुई है. कई लोग दावा करते हैं कि उन्हें की अकबर की ओर से मरवाया गया था तो वहीं कुछ लोग मानते हैं कि अनारकली की मौत स्वाभाविक थी. माना जाता है कि जब जहांगीर गद्दी पर बैठे तो उन्होंने लाहौर में अनारकली की याद में एक मकबरे का निर्माण करवाया. यह मकबरा 1615 में बनकर तैयार हुआ था.
नूरजहां का मकबरा
नूरजहां का असली नाम महरुन्निसा था, जोकि मुगल शासक जहांगीर की पत्नी थीं. ऐसा कहा जाता है कि नूरजहां की गिनती इतिहास की सबसे ताकतवर महिलाओं के तौर पर की जाती है. वैसे तो जहांगीर की कई पत्नियां थीं, लेकिन सभी पत्नियों में जहांगीर सबसे ज्यादा नूरजहां को ही प्यार करते थे.
नूरजहां के नाम पर मुगल सल्तनत में एक सिक्का भी जारी किया था. मुगल महारानी नूरजहां की मौत 68 साल की उम्र में 17 दिसंबर 1645 को हुई, जिन्हें लाहौर के शाहदरा बाग में दफनाया गया.
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