मुंबई: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरीजों की बढ़ती तादाद ने स्वास्थ्य ढांचे की पोल खोल कर रख दी है. अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और बेड कम पड़ गए हैं. यहां तक कि जटिल स्थिति में काम आनेवाली दवा रेमडेसिविर की भी कमी बाजार में हो गई है. लेकिन ऐसा लगता है कि दवा की कमी प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित है. मुंबई पुलिस ने जमाखोरी की गुप्त सूचना पर दो जगहों पर छापेमारी कर रेमडेसिविर की 2,200 शीशियां बरामद की है.


रेमडेसिविर की 2,200 शीशियां छापेमारी कर बरामद


पुलिस के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अधिकारी कार्यवाही में शामिल रहे. बताया जाता है कि निर्यातकों ने जिंदगी बचानेवाली दवा की जमाखोरी कर रखी थी. आज एक अधिकारी ने कार्यवाही के बारे में जानकारी दी. आपको बता दें कि कोविड-19 बीमारी में गंभीर मरीजों के लिए आवश्यक मानी जाने वाली रेमडेसिविर के निर्यात पर केंद्र ने पिछले हफ्ते रोक लगा दी थी. पुलिस और एफडीए के अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर सोमवार को उपनगर अंधेरी और दक्षिण मुंबई के न्यू मरीन लाइन्स में दो स्थानों पर छापे मारे.


कोविड-19 के गंभीर मरीजों को काम आती है दवा


मुंबई पुलिस के प्रवक्ता एस चैतन्य ने बताया कि रेमडेसिविर की 2,000 शीशियां बरामद की गई हैं जो एक ही दवा कंपनी की हैं. उसे अंधेरी (पूर्व) के मरोल इलाके में एक निर्यातक के यहां से बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि बाकी की 200 शीशियां न्यू मरीन लाइन्स इलाके में निर्यातक के एक अन्य परिसर से बरामद की गईं. अधिकारी ने बताया कि जब्त शीशियों को अस्पतालों को उपलब्ध करवाया जाएगा. 


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