Karnataka Hijab Controversy: मुस्लिम छात्राओं ने दूसरे कॉलेज में एडमिशन के लिए मांगी टीसी, जानिए कारण
Muslim छात्राओं के इस कदम के पीछे यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दिया जाना बताया जा रहा है.
Hijab Controversy: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Controversy) देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया था. इस विवाद के चलते देश में काफी हंगामा भी हुआ. अब एक बार फिर से इससे जुड़ा एक नया विवाद पैदा हो गया है. दरअसल, कर्नाटक के हम्पंकट्टा (Hampankatta) में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली पांच मुस्लिम छात्राओं (Muslim Students) ने कॉलेज प्रशासन से दूसरे कॉलेज में पढ़ने के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र (Transfer Certificates) के आवेदन किया है. मुस्लिम छात्राओं के इस कदम के पीछे यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दिया जाना बताया जा रहा है. जिससे नाराज मुस्लिम छात्राएं ऐसे कॉलेजों में दाखिला ले सके जहां पर हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंद्ध ना हो.
अदालत की दखल से हिजाब विवाद के बाद मचे बवाल को रोका जा सका. मंगलुरू विश्वविद्यालय के कुलपति पीएस यदापदिथ्या ने घोषणा की थी कि अगर मुस्लिम छात्राएं कॉलेज प्रशासन द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करने में असहज महसूस कर रही हैं. छात्राएं कोर्ट के आदेश को मानने के लिए भी इच्छुक नहीं है, वे किसी ऐसे संस्थान में पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं जहां पर उन्हें हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए. तो इस स्थिति में कॉलेज प्रशासन मुस्लिम छात्राओं के लिए विशेष प्रबंध करेगा.
फिर से टीसी के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया
वहीं, मुस्लिम छात्राओं द्वारा दूसरे कॉलेज में एडिमिशन के लिए टीसी के लिए आवेदन करने पर कॉलेज की प्रिसिंपल अनसूया राय का कहना है कि पांचों छात्राओं ने टीसी के लिए अनुरोध किया था. जिससे कि वे हिजाब की अनुमति देने वाले दूसरे कॉलेजों में दाखिला ले सकें. प्रिसिंपल ने बताया कि, चूंकि छात्राओं द्वारा टीसी के लिए दिए गए आवेदन पत्र अधूरे पाए गए थे. इसलिए छात्राओं को इसमें सुधार के साथ फिर से नया पत्र देने के लिए कहा गया.
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में कर्नाटक के उडुप्पी में कॉलेज प्रशासन ने कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज में आने पर लोक लगा दी थी. जिसके बाद से कर्नाटक के कई कॉलेजों में इसे लेकर विवाद हो गया था. इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड को मानना पड़ेगा. इस विवाद के चार महीने बाद अब इन छात्राओं ने अन्य कॉलेजों में दाखिले के लिए टीसी की मांग की है.
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