Muslim In Lok Sabha: लोकसभा में मुस्लिमों की हिस्सेदारी, मजबूत वोट बैंक होने के बावजूद क्यों है सदस्यों की संख्या कम, क्या कहते हैं आंकड़े?
Muslim Member in Lok Sabha: संसद के लोअर हाउस यानी लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या अपेक्षाकृत कम ही रहती है. आइए आंकड़ों के पैमाने में देखें लोकसभा में मुस्लिमों की भागीदारी कितनी है.
Muslim MP In India: भारतीय राजनीति में मुस्लिम वोट बैंक का बहुत महत्व है. देखा जाए तो जिस भी लोकसभा सीट पर 20 से 25 परसेंट मुस्लिम वोट होता है वह निर्णायक भूमिका में आ जाते हैं. इसके बावजूद संसद के लोअर हाउस यानी लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या अपेक्षाकृत कम ही रहती है. आइए आंकड़ों के पैमाने में देखें लोकसभा में मुस्लिमों की कैसी है भागीदारी.
लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या सबसे कम 16वीं लोकसभा रही थी. यानी 2014 के आम चुनाव में कुल 22 सांसद जीतकर संसद में पहुंचे थे. इसके बाद 17वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में 27 मुस्लिम सांसद विजयी हुए. इस प्रकार 5 सांसदों का इजाफा हुआ था.
अगर अभी तक हुए कुल लोकसभा चुनाव पर नजर डाली जाए तो 1980 में सर्वाधिक 49 सांसद निर्वाचित हुए थे. इसके बाद 15वीं लोकसभा में 33 मुस्लिम सांसदों ने जीत हासिल की थी. अब अगले साल 18वीं लोकसभा के आम चुनाव होने हैं. इस बार भी हमेशा की तरह मुस्लिम वोटरों पर विपक्षी दलों की नजर है.
एनडीए के दो मुस्लिम कैंडीडेट जीते
सत्ताधारी एनडीए के खेमें में देखा जाए तो पिछले चुनाव में उसके 303 सांसदों में से सिर्फ दो ही मुस्लिम जीतकर संसद पहुंचे हैं. इसमें से एक पश्चिम बंगाल से सौमित्र खान बीजेपी के टिकट पर विजयी हुए थे. उन्होंने टीएमसी की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मात देकर सबको चौंका दिया था. वहीं दूसरे सांसद लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) से जीतकर आए हैं. बिहार की खागरिया सीट से महबूब अली कैसर ने विजय हासिल की थी.
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक 6 मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए थे. सौमित्र खान पहले टीएमसी के खेमें थे और ठीक चुनाव के पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने मुस्लिम वोटरों की बदौलत बंगाल की 42 में से 18 सीटें हासिल कर सबको चौंका दिया था.
इन राज्यों में मुस्लिम वोटरों का है प्रभाव
भारत में कुल मुस्लिम आबादी का 47 परसेंट मुसलमान उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में रहता है. इस कारण इन राज्यों में मुस्लिम वोटरों का अच्छा-खासा प्रभाव रहता है. अगर 2011 की जनगणना की बात की जाए तो 4.07 करोड़ मुसलमान उत्तर प्रदेश में, जो आबादी का 19.3 परसेंट है रहता है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 3.02 करोड़, जोकि आबादी का 27 परसेंट रहता है. बिहार में यह आंकड़ा 1.75 करोड़ है, जोकि 16 परसेंट है.
इसीलिए इन राज्यों से सर्वाधिक मुस्लिम सांसद चुनकर सदन में पहुंचते हैं. 2014 में मोदी लहर के बावजूद उत्तर प्रदेश से कई मुस्लिम सांसद जीते थे. बीजेपी ने 80 में से 71 सीटें जीतीं थीं. इसके बाद भी बहुजन समाज पार्टी से अफजाल अंसारी गाजीपुर से, फजलुर रहमान सहारनपुर से और दानिश अली अमरोहा से जीते थे. जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) से आजम खान रामपुर, शफीकुर्रहमान बर्क सम्भल से और एसटी हसन मुरादाबाद से विजयी हुए. कांग्रेस ने भी अपने 6 उम्मीदवार उतारे थे.
भारत में मुस्लिम आबादी
भारत में 2023 तक मुस्लिम आबादी 19.75 करोड़ होने का अनुमान लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में स्मृति ईरानी ने दिया था. दरअसल, 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी 17.22 करोड़ बताई गई थी. यह उस समय कुल भारतीय आबादी का करीब 14.2 परसेंट थी.
इसके बाद टेक्निकल ग्रुप ऑफ पॉपुलेशन प्रोजेक्शन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल आबादी 2023 तक 138.82 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया. उसी अनुपात के अनुसार स्मृति ईरानी ने अपने जवाब में 2023 तक देश में मुस्लिमों की आबादी 19.75 करोड़ होने का अनुमानित आंकड़ा बताया था.
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