स्वच्छता रैंकिंग में शहर को टॉप पर पहुंचाने की कवायद में जुटीं तसनीम, मैसूर से हैं पहली मुस्लिम मेयर
मैसूर सिटी कॉर्पोरेशन के 158 साल के इतिहास में 31 वर्षीय तसनीम अल्पसंख्यक समाज से पहली मुस्लिम महिला मेयर बनी हैं. तसनीम की कोशिश है कि स्वच्छता की रैंकिंग में इस बार की रैंकिंग में शहर पहले नंबर पर पहुंच जाए.
मैसूर: शहर की प्रथम नागरिक और पहली मुस्लिम महिला मेयर मैसूर शहर के गौरव को वापस लाने की कोशिश में जुटी हैं. स्वच्छता की रैंकिंग में शहर को सबसे साफ शहर का खिताब हासिल करने के लिए तसनीम सख्त मेहनत कर रही हैं. 2019 की स्वच्छता रैंकिंग में मैसूर तीसरे नंबर पर था. तसनीम की कोशिश है कि इस बार की रैंकिंग में शहर पहले नंबर पर पहुंच जाए. इसके लिए मेयर क्या कर रही हैं ? इस पर उनका जवाब है, “हम समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा हासिल कर रहे हैं. हमारी प्राथमिकता शहरियों की मदद लेना है. जिनकी मदद से हमें उम्मीद है स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम पुरस्कार का टैग हासिल हो जाए.”
कौन हैं मुस्लिम महिला मेयर
मैसूर सिटी कॉर्पोरेशन के 158 साल के इतिहास में 31 वर्षीय तसनीम अल्पसंख्यक समाज से पहली मुस्लिम महिला मेयर बनी हैं. पेशे से दर्जी की बेटी तसनीमस्नातक पास हैं. उन्होंने अपना पूरा समय मीना बाजार इलाके में बिताया है. 2013 से वो मीना बाजार इलाके का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. वो शादी-शुदा हैं और दो बच्चों की मां हैं. मेयर के लिए 70 सीटों में से तसनीम को 47 वोट मिले थे.
2015 में स्वच्छता रैंकिंग में देश के 100 शहरों में दक्षिण भारत का दबदबा था. दक्षिण भारत के 39 शहरों ने रैंकिंग में जगह बनाने में सफलता पायी थी. उस वक्त मैसूर सूची में सबसे ऊपर था. उसके बाद से शहर रैंकिंग में गिरकर तीसरे पायदान पर पहुंच गया था. स्वच्छ भारत मिशन का संचालन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय संचालित कर रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य खुले में शौच की समस्या के लिए शौचालय का निर्माण और घर-घर जाकर ठोस कचरे का संग्रह और निपटान है.
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