पटना: कभी नरेंद्र मोदी की तस्वीर से नीतीश को थी राजनीतिक नफरत, आज उन्हीं की तस्वीर लगाकर मांग रहे वोट. ये हम नहीं कह रहे पटना की सड़कों पर लगी तस्वीरें कह रही हैं. कभी मोदी के चेहरे से इतनी हो गई थी नफरत आज उनके नाम जप रहे नीतीश. ये हम नहीं कह रहे, पटना की सड़कों पर लगी तस्वीरें कह रही हैं. कभी नरेंद्र मोदी के सामने से थाली खींचने वाले नीतीश, आज हो गये हैं उनके मुरीद. ये भी हम नहीं कह रहे, पटना की सड़कों पर लगी तस्वीरें ही कह रही हैं.


दरअसल, पिछले कुछ समय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकारी योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास के दौरान पीएम मोदी और सीएम नीतीश एक दूसरे से जुड़ते हैं. इसी दौरान पीएम मोदी सीएम नीतीश की दिल खोलकर तारीफ भी करते हैं. जदयू पीएम मोदी के इन्हीं बयानों को भुनाने में लगा है. पटना की सड़कों पर पार्टी की ओर से लगाये पोस्टर में पीएम मोदी के बयान को कोट करते हुए लिखा गया है कि 'नीतीश जी जैसे सहयोगी हों तो कुछ भी संभव है', 'आधुनिक बिहार को गढ़ने में नीतीश जी की अहम भूमिका है'.


जब इसी मामले पर हमने भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद से बात की तो उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बीजेपी और एनडीए गठबंधन बिहार के भविष्य की बात कर रही है और हमने स्लोगन दिया है 'जन जन की यहीं पुकार आत्मनिर्भर बिहार'. हम भूतकाल की बीती हुई बातों को छोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं. बिहार की 13 करोड़ जनता के साथ हम बिहार के भविष्य के लिए काम करना चाहते हैं.


हालांकि जब हमने इसी मुद्दे पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से बात की तो उन्होंने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सांप और नेवले की लड़ाई को पाटने के लिए यह पोस्टर लगाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश जी और नरेंद्र मोदी जी की शुरू से ही तल्खी रही है. नरेंद्र मोदी जी के कारण ही नीतीश जी ने खाने का पत्तल आगे से खींच लिया था. अब जदयू को यह डर सता रहा है कि नरेंद्र मोदी जी इसका बदला लेने को तैयार हैं.


बिहार की जनता को यह विश्वास दिलाने के लिए इन लोगों ने पोस्टर लगाया है कि उनके बीच अब कलह नहीं है. लेकिन नरेंद्र मोदी जी अपना पुराना हिसाब- किताब कभी भी चुकता करेंगे. राजद प्रवक्ता ने जदयू से सवाल किया कि पांच साल पहले यहीं प्रधानमंत्री नीतीश कुमार के बारे में क्या नहीं बोले थे, अब तारीफ कर रहे हैं. उस समय सही बोले थे या अब सही बोल रहे हैं.


इसी मुद्दे पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि बीती बातों को भुलाने का वक्त है, देश और बिहार दोनों को ही एक ऐसे मजबूत और विजनरी लीडर की जरूरत है जो वैश्विक चुनौती को अवसर में बदल सके और इस राज्य को विकास के मार्ग पर निरंतरता के साथ आगे ले जा सके. जदयू प्रवक्ता ने आगे कहा कि जब एनडीए के पास दो ऐसे विराट व्यक्तित्व और कालजयी राजनेता हैं कल की बातों के आधार पर आज इस एनडीए के वर्तमान स्वरूप पर सवाल खड़े करने का कोई औचित्य नहीं है. नरेंद्र मोदी जी ने देश को एक प्रभावशाली राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने रखा है दूसरी तरफ नीतीश कुमार के 15 साल का जो कार्यकाल है अकल्पनीय और अद्वितीय विकास के मार्ग पर बिहार को पहुंचाया है.


गौरतलब है कि बिहार में अक्टूबर- नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसको लेकर सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं. पोस्टर के जरिये पार्टियां कभी विपक्ष को कटघरे में खड़े करती हैं, तो कभी अपने नेता की तारीफ में कसीदे गढ़ती हैं. इसी कड़ी में जदयू भी मौके को भुनाने की कोशिश में लगा है.