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नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर छह केंद्र शासित राज्यों में होगा लागू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 15 अगस्त के मौके पर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च की. इसके तहत हर नागरिक की एक यूनिक आईडी होगी. जिस पर पूरा ब्योरा दर्ज होगा.
नई दिल्ली. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से पीएम मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत का ऐलान किया. आधार कार्ड के बाद केंद्र सरकार ने डिजिटल हेल्थ कार्ड योजना शुरू करने जो रही है. इस योजना के तहत लोगों के डिजिटल हेल्थ कार्ड बनेगा जिसमे स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होंगी. अब इस प्रोजेक्ट को जल्द 6 केंद्र शासित राज्यों में शुरू किया जाएगा.
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत ये डिजिटल हेल्थ आईडी प्रोजेक्ट को भारत के 6 केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जाएगा. ये केंद्र शासित प्रदेश हैं, अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि यह प्रोजेक्ट आज शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की है, जिसकी हम कुछ समय से तैयारी कर रहे थे और इसके पहले फेस में हमने 6 यूनियन टेरिटरी जैसे चंडीगढ़, अंडमान निकोबार दीप समूह, दमन दादरा नगर हवेली, पुडुचेरी और लक्ष्यद्वीप इन 6 केंद्र शासित राज्यों में हम इसकी तैयारी करके उसको लॉन्च कर दिया है. रजिस्ट्री को ओपन कर दिया है.
आज लॉन्च हुई इस योजना की पायलट प्रोजेक्ट के तौर इन छह केंद्र शासित राज्यों में शुरू किया जा रहा है. इन जगहों में अस्पतालों, क्लीनिक, डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. वहीं लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जाएगी. ये आईडी वेबसाइट के जरिए और अस्पताल में बन सकती है.
पूरे देश में किया जाएगा लागू
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी से 6 केंद्र शासित राज्यों में शुरू करने के बाद पूरे देश में शुरू किया जाएगा. और इसके अंदर देश के अंदर जितने भी मरीज हैं जो नागरिक हैं उनका एक हेल्थ आईडी बनेगा इसके अलावा डॉक्टर के तहत रजिस्ट्रेशन होगा. और हेल्थ की जो फैसिलिटी है जिसमें अस्पताल है, क्लिनिक्स हैं, यह सब कुछ जो है वह सरकारी हो चाहे प्राइवेट हो व्यापक पैमाने पर इस पर तैयारी कर ली गई है. आज देश में लॉन्च हो चुका है.
इस सवाल पर कि योजना छह केंद्र शासित राज्यों में ही क्यों लागू की जा रही है तो इस पर केंद्र सरकार का तर्क है कि अभी यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है और जल्दी से भारत के बाकी राज्यों में भी लागू किया जाएगा. इन जगहों को भी इस लिए भी चुना गया है कि यहां पर आबादी कम है और इस प्रक्रिया को जल्दी पूरा कर लिया जाएगा. वहीं अगर तकनीकी दिक्कत आती है तो अभी पता चल जाएगा. वही इस योजना में और क्या कुछ कमी है इसका भी पता समय रहते लगा लिया जाएगा.
दिया पोलियो का उदाहरण
हर्षवर्धन ने कहा कि कोई भी बड़ी स्कीम होती है उसको एक पायलट रूप में विकसित किया जाता है. जैसे उदाहरण के लिए भारत में पोलियो मुक्त करने का सपना देखा गया तो हमने उसको पायलट को दिल्ली में इंप्लीमेंट किया. और जब हमने उसको दिल्ली में सफल तरीके से लागू कर दिया, दिखा दिया कि एक एक बच्चे को पोलियो केंद्र पर ले जाया जा सकता है तो पूरे देश में वह लागू हुआ और उसके बाद कई देशों में. कोई भी बड़ी स्कीम होती है उसके लिए एक सफल पायलट डिवेलप करना होता है.
इस एनडीएचएम में जरिए चार चीजों पर खास ध्यान दिया जाएगा
1. हेल्थ आईडी सिस्टम, जिसमें लोगो की हेल्थ आईडी बनाई जाएगी.
2. Digi डॉक्टर जिसमें सभी डॉक्टरों का यूनिक ID होगा और सभी जानकारी होगी.
3. हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री जिसमें सभी हॉस्पिटल, क्लीनिक, लैब जुड़ सकेंगे और यूनिक ID पा सकेंगे, साथ ही अपनी जानकारी अपडेट कर सकेंगे.
4. पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड, जहां पर लोग अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अपलोड या स्टोर तो कर ही सकेंगे, सीधे डॉक्टर और लैब इत्यादि से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पा सकेंगे.
हेल्थ आईडी और पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम के जरिए तमाम स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी. हर व्यक्ति के लिए अलग अलग आईडी दी जाएगी. वहीं किसी के पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड बिना व्यक्ति के अनुमति के नहीं देखे जा सकेंगे.
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत बनने वाले इस डिजिटल आईडी में क्या कुछ खास है, आइए आपको बताते हैं:-
- इस डिजिटल आईडी में आपके स्वास्थ्य संबंधी तमाम जानकारियां होंगी जैसे आपके ब्लड ग्रुप, रिपोर्ट्स, डॉक्टर प्रिसक्रिप्शन और कौन सी दवाइयां आप ले रहे हैं जैसी तमाम जानकारियां.
- 14 डिजिट का होगा डिजिटल हेल्थ कार्ड.
- डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड सुविधा होगी लेकिन उसे साथ रखने की जरूरत नहीं, डिजिटल आईडी के जरिए भी काम हो सकेगा.
- इसके अलावा कार्ड पर एक यूनीक क्यूआर कोड होगा.
- लोगो के आलावा डॉक्टर, सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल,क्लीनिक, डिस्पेंसरी सबको जोड़ा जाएगा। और इन सब की सभी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी.
- ये बनाना सबके लिए अनिवार्य नहीं है अभी.
- बिना यूजर की जानकारी के यह अनुमति के डिटेल नहीं देखी जा सकती। इसके लिए ओटीपी और पासवर्ड जैसी सुविधा भी होगी.
इसके बाद टेलीमेडिसिन और ई फार्मेसी जैसी सुविधा शुरू करने की योजना है, लेकिन इसे शुरू करने से पहले इसके लिए नियम तैयार किए जाएंगे. इसलिए कुछ वक़्त बाद ये सेवा शुरू की जाएगी.
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तहसीन मुनव्वरवरिष्ठ पत्रकार
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