![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
सिर्फ पांच महीने पहले ही भारतीय नागरिकता मिली, पाक मूल की नीता सरपंच चुनाव में लेंगी हिस्सा
नीता कंवर पाकिस्तानी मूल की है और टोंक जिले के नटवाड़ा में सरपंच चुनाव में अपना भाग्य आजमाने का फैसला कर रही है.
![सिर्फ पांच महीने पहले ही भारतीय नागरिकता मिली, पाक मूल की नीता सरपंच चुनाव में लेंगी हिस्सा neeta kanwar Sarpanch of Pak origin will take part in elections सिर्फ पांच महीने पहले ही भारतीय नागरिकता मिली, पाक मूल की नीता सरपंच चुनाव में लेंगी हिस्सा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/10/24010143/jk.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: नीता कंवर पाकिस्तानी मूल की है और आठ साल के लम्बे इंतज़ार के बाद उसे भारत की नागरिकता हासिल हुई. बस इसी के साथ नीता के जीवन में एक नया अध्याय भी जुड़ गया है. नीता की शादी एक ऐसे परिवार में हुई जिसकी पृष्ठ्भूमि राजनैतिक है और नीता ने तय किया है कि वो इस परम्परा को आगे बढ़ाएगी.
ग्रेजुएट नीता को सिर्फ पांच महीने पहले ही भारतीय नागरिकता मिली है. राजस्थान के टोंक जिले के नटवाड़ा के रहने वाले पुण्य प्रताप से नीता की शादी साल 2011 में हुई थी. लेकिन टोंक की इस बेटी को भारत की बनने के लिए आठ साल तक इंतज़ार करना पड़ा. अब नीता कँवर ने नटवाड़ा के सरपंच के लिए अपना नामांकन भर दिया है. अब नीता जनता के बीच जाकर वोट मांगती है,सेवा की बात करती है तो अपने परिवार की ओर से पहले की गई सेवा का हवाला देती है,दरअसल नीता के ससुर लक्ष्मण सिंह दो बार नटवाड़ा के सरपंच रह चुके है. जनता के बीच घूम घूमकर इन दिनों वोट मांग रही नीता अपने ससुर के कार्यकाल का हवाला देना भी नहीं भूलती.
पाकिस्तानी मूल की नीता कंवर 2001 में अपनी शिक्षा पूरी करने अपने चाचा नखत सिंह सोढा के पास अपनी पढाई पूरी करने जोधपुर आई थी यहाँ उसने सोफिया कॉलेज से साल 2005 में स्नातक की पढाई पूरी कर ली और साल 2011 में उसकी शादी नटवाड़ा में हुई. भारतीय नागरिकता मिलने के 5 माह बाद ही नीता कंवर पहली बार टोंक जिले के नटवाड़ा में सरपंच चुनाव में अपना भाग्य आजमाने का फैसला किया. अब नीता मतदान भी कर सकेंगी.
नीता कंवर के मुताबिक ससुर लक्ष्मण कंवर खुद दो बार इसी पंचायत में सरपंच रह चुके है और उन्होंने ही नीता कंवर को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया वह खुद कहती है कि इस बार जब गांव में सरपंच पद के लिए महिला सामान्य सीट आरक्षित हो गई तो उन्होंने चुनाव लड़ने निर्णय किया.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)