प्रधानमंत्री आवास और उज्ज्वला योजना की तरह क्या गेम चेंजर साबित होगी 'पीएम श्री' स्कीम?
पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया यानी (PM Shri Scheme) योजना देश भर के 14500 स्कूलों में लागू करने का प्लान है. इस योजना को नई शिक्षा नीति के आधार पर शुरू किया जाएगा.
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो आने वाले वर्षों में देश के सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा एकदम बदल जाएगी. जिस तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्जवला जैसी योजनाओं का फायदा आम जनता तक पहुंचा है, ये पीएम श्री योजना (PM Shri Scheme) शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकती है. लेकिन इस योजना को लागू कब और किस तरह किया जाएगा बहुत कुछ इस पर भी निर्भर करेगा.
दरअसल पीएम मोदी की कैबिनेट ने 7 सितंबर को 'पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया' (PM SHRI) यानी 'पीएम श्री' को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत देश के 15 हजार सरकारी स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत मॉडल स्कूलों में बदला जाएगा.
पीएम श्री योजना के लिए 18,128 करोड़ रुपया अगले पांच सालों में केंद्र सरकार की ओर से खर्च किया जाएगा. वहीं इस पूरी योजना के लिए 27,360 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इस योजना में देश के 14,500 स्कूल शामिल जाएंगे.
इन स्कूलों के माध्यम से वंचित छात्रों समेत लड़कियों की स्कूली शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. इस योजना के तहत ने देश के हर एक ब्लॉक में पीएम श्री स्कूल खोलने की योजना बना रहा है.
वहीं शिक्षा मंत्रालय स्कूलों में ऐसे दिन भी तय करेगा जब छात्र बिना बस्ते के स्कूल जाएंगे. इतना ही नहीं अब स्कूल के दिनों से ही नवाचार आधारित शिक्षा और रिसर्च शुरू की जाएगी.
इस योजना की खास बात यह है कि इसके अंतर्गत विकसित किए जा रहे स्कूलों में छात्रों का हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा. स्कूलों के छात्रों के लिए इंटर्नशिप होगी.
स्कूलों में सौर पैनल, पोषण उद्यान, प्राकृतिक खेती, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्ति, जल संरक्षण जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलू शामिल होंगे.
इस योजना के तहत विकसित किए जा रहे स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी होंगी. पीएम श्री के तहत 100 प्रतिशत स्कूलों को आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल पहल के तहत कवर किया जाएगा.
इन स्कूलों का उद्देश्य छात्रों का न केवल संज्ञानात्मक विकास करना होगा, बल्कि 21 वीं सदी के महत्वपूर्ण कौशल से युक्त, समग्र और पूर्ण-विकसित व्यक्तियों का निर्माण करना भी होगा.
आरटीई अधिनियम के तहत लाभार्थी उन्मुख पात्रता. शत-प्रतिशत पीएम श्री स्कूलों को विज्ञान और गणित किट मिलेगी.
इन विद्यालयों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित करने के लिए परिपूर्णता आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा. सभी स्कूलों को विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आईसीटी सुविधा और वोकेशनल लैब आदि उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही छात्रों को उनकी ही मातृभाषा में शिक्षा देने की योजना है.
पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें विभिन्न स्कूल अनुकरणीय स्कूल बनने हेतु सहायता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे. स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा. इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, इस पोर्टल को वर्ष में चार बार, यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा. स्कूलों के दावों का सत्यापन राज्य/केंद्र शासित प्रदेश/केवीएस/जेएनवी करेंगे और स्कूलों की सूची मंत्रालय को सुझाएंगे।
केजरीवाल बोले 100 साल लग जाएंगे
हालांकि दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर चर्चा में रहने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इसके माध्यम से उन्होंने कहा कि देश के 80 फीसदी सरकारी स्कूल कबाड़खानों से भी बदतर हैं.
इससे पहले केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि 14,500 स्कूलों को आधुनिक करने का प्रधानमंत्री का फैसला ‘ समंदर में एक बूंद’ के बराबर है. केजरीवाल ने देश के सभी 10 लाख सरकारी स्कूलों के उन्नयन की योजना लाने के लिए फिर से जोर दिया.
केजरीवाल ने हिंदी में लिखे पत्र में कहा, 'देशभर में रोज़ 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं. इनमें से लगभग 18 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं. 80 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी स्कूलों की हालत किसी कबाड़खाने से भी ज्यादा खराब है. अगर करोड़ों बच्चों को हम ऐसी शिक्षा दे रहे हैं तो सोचिए भारत कैसे विकसित देश बनेगा?'
मुख्यमंत्री कहा, 'उन्होंने (मोदी ने) 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का एलान किया, बहुत अच्छा. लेकिन देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं. इस तरह तो सारे स्कूल ठीक करने में सौ साल से ज़्यादा लग जाएंगे. आपसे अनुरोध है कि सभी दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने की योजना बनायी जाए.'