लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) उद्योग में तेजी लाने के लिए ‘यूपी इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति' जारी की है. इस नीति का उद्देश्य राज्य में हजारों करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करना और रोजगार के नए विकल्प तैयार करना है. इसके जरिए सरकार यूपी को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है.
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि इस नीति के तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे को ‘इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन‘घोषित किया गया है. ‘यूपी इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति’ के सभी प्रोत्साहन और लाभ इस क्षेत्र में बनने वाली सभी इकाइयों के लिए मान्य होंगे.
शर्मा के पास आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग भी है. उन्होंने बताया कि ये सुविधाएं इस जोन में ईएसडीएम इकाइयों की वृद्धि में कारगर साबित होंगी. ये ईएसडीएम इकाइयां न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगी, बल्कि राज्य में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेंगी.
उन्होंने बताया कि इस नीति का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाना है. इसका उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को प्रोत्साहन देना, इकाइयों को सिंगल विंडो सिस्टम देना, इलेक्ट्रानिक्स में रिसर्च और विकास को बढ़ावा देना और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में जनशक्ति के लिए कौशल विकास को भी बढ़ावा देना है. इसके साथ ही इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल परिवेश बनाना है.
शर्मा ने बताया कि इस नीति का लक्ष्य ई.एस.डी.एम. क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और 2022 तक तीन लाख लोगों के लिए रोजगार देना है.