नोएडाः नोएडा में अमानवीयता का ऐसा चेहरा सामने आया है जिससे सुन कर हर किसी रूह कांप जाएगी. यहां एक गर्भवती महिला की इलाज ना मिल पाने के कारण मौत हो गई है. गर्भवती महिला की मौत का जिम्मेदार नोएडा के सरकारी और निजी अस्पतालों को ठहराया जा रहा है. महिला ने अपनी जिंदगी की जंग जारी रखने के लिए गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 8 अस्पतालों का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन कहीं से भी इलाज नहीं मिलने के कारण अंत में उसकी जान चली गई.


जिला प्रशासन की जांच पूरी


गर्भवती महिला की मौत के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों की लापरवाही को लेकर काफी सवाल उठाए गए. जिसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए. गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत के मामले में जिला प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर ली है. पूरे मामले में सबसे ज्यादा लापरवाही एसआईसी अस्पताल की रही जहां सारी सुविधा होने के बाद भी पीड़िता नीलम को सही उपचार नहीं दिया गया. ईएसआईसी अस्पताल के निदेशक, उपचार और रेफर करने वाले चिकित्सक और एम्बुलेंस के चालक को दोषी पाया गया है.


कार्रवाई के लिए सचिव श्रम विभाग केंद्र सरकार को लिखा पत्र


जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने मामले में कार्रवाई के लिए सचिव श्रम विभाग केंद्र सरकार और डीजी ईएसआईसी को पत्र लिखा है. उन्होंने सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल की सीएमएस, स्टाफ नर्स और वार्ड को दोषी पाया है. जिसके बाद दोषी पाए गए इन तीनों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है. जिलाधिकारी के लिखे गए पत्र में सीएमएस के ट्रांसफर के लिए लिखा गया है.


मामले में प्राइवेट अस्पताल को कारण बताओ नोटिस


जिम्स में पहली बार महिला को वापस भेजने वाले चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं. सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. हॉस्पिटल प्रबंधन को लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश और मुकदमा दर्ज करने के भी दिए निर्देश दिए गए हैं.


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