भारत-चीन तनाव: एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से की बात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री से बातचीत की. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है. इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की. यह बातचीत वीडियो कॉल के जरिए रविवार को हुई.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हालिया घटनाक्रमों पर खुलकर बात की और व्यापक तौर पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
मंत्रालय ने कहा, ''डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों में विकास के लिए शांति और स्थिरता की बहाली आवश्यक है.''
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ''दोनों इस बात पर सहमत हुए कि शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों का पूरी तरह पीछे हटना सुनिश्चित करना आवश्यक है.''
डोभाल और वांग यी के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब चीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी है. सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है.
The focus of the conversation between NSA Ajit Doval & Chinese FM Wang Yi was the full and enduring restoration of peace and tranquillity and to work together to avoid such incidents in future: Sources https://t.co/pPhvCqGEwh
— ANI (@ANI) July 6, 2020
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है.
सूत्रों ने कहा कि गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है. भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है.
गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं.
भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है. क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं. हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे.
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