जयपुर: राजस्थान दिवस के मौके पर अशोक गहलोत की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार कैदियों को बड़ी सौगात देने जा रही है. सरकार ने 1, 200 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है. ये कैदी राज्य के विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं. कैदियों को छोड़ने का फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर लिया गया.
विभिन्न जेलों में बंद 1,200 कैदियों को छोड़ेगी सरकार
शनिवार को एक बयान में कहा गया कि 30 मार्च को राजस्थान दिवस समारोह से पहले कैदियों की रिहाई संभव हो सकेगी. प्रस्तावित रिहाई पानेवाले कैदियों में ऐसे लोग भी शामिल होंगे जिनका जेल में अच्छा आचरण था और उन्होंने अपनी सजा का ज्यादातर हिस्सा पूरा कर लिया है. राजस्थान दिवस का आयोजन 30 मार्च को किया जाता है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, "राजस्थान दिवस पर राज्य के विभिन्न जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे करीब 1200 कैदियों को समय से पहले छोड़ा जाएगा.
उसमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी सजा का ज्यादातर हिस्सा काट लिया है और उनका आचरण भी अच्छा है, उसी तरह जो लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और पुराने कैदी रहे हैं." उन्होंने जानकारी दी कि जेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में फैसला लिया गया. हालांकि, उन्होंने इस दौरान स्पष्ट किया कि रेप, इज्जत की खातिर हत्या, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो समेत गंभीर अपराधों की 28 विभिन्न श्रेणियों में शामिल सजा काट रहे अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर लिया गया फैसला
राजस्थान सरकार के मुताबिक, कोविड-19 को देखते हुए उन कैदियों को छोड़ने का फैसला किया गया है जो गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, एड्स, कुष्ट रोग से पीड़ितों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने की खातिर रिहा किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि 70 साल से ऊपर के बुजुर्ग पुरुष और 65 साल या 65 साल से ज्यादा उम्र की महिला बंदी जिन्होंने अपनी सजा का एक तिहाई पूरा कर लिया है, उनको वक्त से पहले छोड़ दिया जाएगा.
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