लगभग दो साल चले कोरोना काल के बाद बच्चों का स्कूल जाना अभी शुरू ही हुआ था कि एक बार फिर से कोरोना का साया बच्चों के भविष्य पर मंडराने लगा है. दिल्ली से सटे नोएडा में पिछले पांच दिन के अंदर करीब 40 स्कूली बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में बहुत से अभिभावक ऐसे हैं जो अपने बच्चों को अब स्कूल भेजने में कतरा रहें हैं. एबीपी न्यूज पहुंचा है नोएडा के कुछ ऐसे ही परिवारों के पास जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने का विकल्प तलाश रहें हैं.


क्या कहते हैं अविभावक-


ये हमारे दिमाग में लगातार चल रहा है कि हम बच्चों को स्कूल भेजे या नहीं, 2 साल बाद स्कूल खुले थे लेकिन अब ये चिंता की बात है कि बच्चों को स्कूल भेजे या ना भेजें. अगर भेजे तो चिंता रहेगी और नहीं भेजते है पूरे दिन कि पढ़ाई खराब हो जाती है. तो हम कश्मकश में हैं कि क्या करें, स्कूल प्रशासन को कोई कड़े कदम उठाने चाहिए. उनका कहना है हमारे बच्चे वैक्सिनेटेड नहीं हैं तो इसलिए खतरा और भी  है. तो अभी हम अपने बच्चों को ऐसी हालत में स्कूल भेज रहें हैं, जहां हम कन्फर्म नहीं है कि हमारे बच्चे सुरक्षित हैं. बसों में बच्चे भर भर के ले जाए जा रहें हैं जो की खतरनाक है. ऐसे में अभिभावक भी मजबूर है अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मेरे हिसाब से हाइब्रिड स्कूल की व्यस्था होनी चाहिए. ऑफलाइन क्लास चले लेकिन बच्चों की तबियत खराब हो तो ऑनलाइन क्लास का भी ऑप्शन रहे. पिछले दो साल में जबसे कोरोना शुरू हुआ था और बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरू हुई तो इसका बहुत बुरा असर बच्चों की हेल्थ पर पड़ा. मेरे बेटे को चश्मा लग गया, बच्चों का वजन बढ़ गया, बच्चे डिप्रेस हो गए हैं. मुझे लगता है ऑफलाइन ज्यादा बेहतर है, क्योंकि कोरोना अब पहले जितना खतरनाक नहीं है.


कुछ ऐसी ही सोच सेक्टर 39 की ही रहने वाली सैरी की भी है, सैरी के दो बच्चें हैं, एक 12 साल का लड़का जो कि नोएडा के ही लोटस वैली स्कूल में पढ़ता है. और एक 3 साल की लड़की जिनका अभी स्कूल में एडमिशन नहीं हुआ है. इसके साथ ही साथ सैरी एक शिक्षिका भी है जो बच्चों को ट्यूशन देती हैं. इनके पास खेतान स्कूल्स बच्चे पढ़ने आते हैं. आपको बता दें खेतान वही स्कूल है जहा 11 अप्रैल को 13 स्कूली बच्चे और 3 अध्यापक कोरोना संक्रमित पाए गए थें.हमारे मन में डर तो है हम अपने बच्चों को स्कूल भेज रहें हैं क्योंकि 2 साल से बच्चे भी घर में रहकर परेशान हो गए हैं. अगर हम बच्चों को सही से बता सके कोरोना की सावधानियां तो हम केसेज को कम कर सकते हैं. ऑनलाइन में बच्चों को सही से समझ नहीं आता,
टीचर को भी पूरे तरीके से वैक्सिनेट होना चाहिए,


बच्चों का कहना है-


स्कूल में सावधानियां तो बहुत ज्यादा नहीं बरती जा रही है बहुत लोग मास्क के बिना बैठे रहते है, खाना भी शेयर कर रहें हैं लेकिन स्कूल कोशिश बहुत कर रहा है. स्कूल में मास्क पहनते ही नहीं बच्चो, बुद्धों बच्चों को तो ऑनलाइन क्लास पसंद है लेकिन मेधावी बच्चों को तो ऑफलाइन क्लास पसंद होती है.


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