नई दिल्ली: असम में कांग्रेस ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) से समझौता करने की इच्छा जताई है. कांग्रेस का कहना है कि सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में AIUDF से गठजोड़ के लिए उसने अपना विकल्प खुला रखा है. हालांकि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने इसे अपनी निजी राय बताया है.


 AIUDF से गठजोड़ करने को कांग्रेस तैयार


अगले महीने राज्यसभा का चुनाव होना है. मंगलवार को चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. 17 राज्यों में राज्य सभा के लिए 55 सीटों पर वोटिंग होगी. जहां तक असम की बात है तो यहां 26 मार्च को राज्य सभा की 3 सीटों पर चुनाव होना है. इसके लिए कांग्रेस ने अभी से अपने तुरूप के पत्ते डालना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि तरूण गोगोई ने AIUDF को रिझाने के लिए तुरूप का पत्ता फेंका है.


एक अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा, "उन्हें AIUDF से गठजोड़ कर खुशी होगी. सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए राज्य सभा के चुनावी मैदान में दोनों का साथ आना जरूरी है." गोगोई ने कहा कि अभी तक उनकी निजी स्तर पर पार्टी से बातचीत नहीं हुई है मगर उनकी मंशा गठबंधन के हक में है.


सांप्रदायिक शक्तियों को हराने का बताया नुस्खा


संपर्क करने पर AIUDF महासचिव अमीनुल इस्लाम ने कहा, "चूंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी देश से बाहर हैं, इसलिए कोई अंदरूनी चर्चा कांग्रेस से गठजोड़ के मुद्दे पर नहीं हुई है." उन्होंने कहा कि उनकी भी यही राय है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोधी उम्मीदवार को चुनाव में खड़ा किया जाए. असम में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष तो दो कदम आगे बढ़ते हुए किसी से भी समझौता करने को तैयार दिखते हैं. देवब्रत सैकिया कहते हैं, "लड़ाई बीजेपी की विचारधारा और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है. हमारा उद्देश्य एक ऐसे उम्मीदवार पर राज्य सभा चुनाव में दांव लगाना है जो नागरिकता कानून का विरोध कर सके. इसके लिए हम ना सिर्फ AIUDF बल्कि असम गण परिषद (AGP) के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं. यानी कांग्रेस, AIUDF और AGP तीनों पार्टियों का गठजोड़ होना चाहिए."


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