कोरोना के लगभग एक साल के दौर में जिस दुनिया ने महामारी के सामने घुटने टेक दिए थे वो दुनिया धीरे-धीरे संभल रही है. खड़ी हो रही है, खुद को भी संभाल रही है और दूसरों को भी संभाल रही है. इस दौर में भारत ने जो भूमिका निभाई है उसके सामने दुनिया नतमस्तक है, गदगद है और तमाम देश भारत से मदद पाने के लिए आतुर हैं. वसुधैव कुटुम्बकम की इसी भावना के क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ऑनलाइन बैठक हुई और उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की.


पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाता आया है


आज हम आपको वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की इसी बैठक से राज की बात निकालकर लाए हैं. इस राज की बात को आपको देश की उपलब्धि पर गर्व भी होगा और पड़ोसी पाकिस्तान की झूठी अकड़ को सुनकर निश्चित तौर से हंसी भी आएगी. कोरोना महामारी से हुई लड़ाई में भारत की भूमिका और कार्यप्रणाली की तारीफ पूरी दुनिया कर रही है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस बैठक में पाकिस्तान भी मौजूद था और वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत की जमकर तारीफ की. ये बात किसी से छिपी नहीं कि पाकिस्तान का रवैया क्या रहता है और कैसे दुनिया में घूम-घूम कर भारत के खिलाफ वो प्रोपेगेंडा खड़ा करता है. लेकिन इस बैठक में पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री जफर मिर्जा ने भारत के तारीफों के पुल बांध दिए.


पाकिस्तान ने भारत की तारीफ कोरोना से लड़ाई के तरीके की भी की और तमाम देशों को कोरोना वैक्सीन भेजने पर भी की. राज की बात में ये महत्वपूर्ण नहीं कि पाकिस्तान ने हमारी तारीफ की, राज की बात ये है तारीफ के पीछे पाकिस्तान की बदमाशियों और हेकड़ी का तंबू तना हुआ है जिसे भारत और पूरी दुनिया अच्छी तरह से समझती है. पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री की तारीफों के पीछे भारतीय कोरोना वैक्सीन पाने की तड़प है. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि पाकिस्तान जब चीन से इतनी गलबहियां कर रहा है तो फिर उसे चीन के बजाय भारतीय वैक्सीन क्यों चाहिए. तो इस सवाल का जवाब और राज की बात ये है कि चीन की वैक्सीन पर पाकिसान को भी भरोसा नहीं है और इसी वजह से वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत के सम्मान में तारीफों का स्त्रोत्र पढ़ डाला.


भारत ने दुनिया के लगभग 20 देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी है


दरअसल भारत अब तक दुनिया के लगभग 20 देशों को कोरोना वैक्सीन भेज चुका है और पाकिस्तान भी उसी वैक्सीन के लिए टकटकी लगाए बैठा है लेकिन उसे वैक्सीन भारत से नहीं मिली है. हालांकि, मानवता के स्तर पर हर सहयोग के लिए भारत तत्पर है लेकिन राज की बात ये है कि पाकिस्तान को ये वैक्सीन भारत तभी देगा जब वहां से औपचारिक तौर पर मांग होगी. राज की बात ये है कि पाकिस्तान को भारत से तभी वैक्सीन मिलेगी जब पाकिस्तान खुद भारत से मांगेगा.


भारत के इस स्टैंड के पीछे भी खास वजह है. वजह ये कि भारत अगर खुद से पेशकश कर भी दे तो पाकिस्तान अपनी पैंतरेबाजी को चलकर अगर वैक्सीन लेने से मना कर दे. तो भारत के सामने अजीब स्थिति बन सकती है. और दूसरी राज की बात ये कि पाकिस्तान के पड़ोसी के धर्म को जिस तरह से तार तार किया है उस स्थिति में वो बिना मांगे मदद पाने का पात्र है भी नहीं.


मतलब ये कि अगर पाकिस्तान भारत से वैक्सीन मांगता है तो भारत मानवता के आधार पर उसकी मदद करेगा लेकिन अन्य देशों की तरह भारतीय वैक्सीन पाकिस्तान को बिना मांगे नहीं दी जाएगी.