पटना: गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद बिहार सरकार की व्यवस्था पर सबकी नज़रें टिकी हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और अन्य लोगों को अपने राज्य वापस लाने की अनुमति दे दी है. हालांकि कुछ शर्तों के साथ ये छूट राज्य सरकारों को दी गयी है. एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य सरकारें आवागमन के लिए बसें भेज सकती हैं. लेकिन उन्हें सैनिटाइज करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन भी करना होगा.


लॉकडाउन का हवाला देते हुए बिहार सरकार बाहर फंसे लोगों को बुलाने पर सहमत नहीं दिख रही थी. बिहार सरकार की तरफ़ से कई बार बयान में ये स्पष्ट किया गया था कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन ना हो इसलिए जो बिहारी बाहर फंसे हैं उनके लिए सरकार व्यवस्था कर रही है. हालांकि अब अनुमति के फ़ैसले का बिहार सरकार ने स्वागत किया है. इस बीच बिहार के मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने राजस्थान के कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को वापस लाने के लिए गुरुवार को 30 बसों की व्यवस्था कर इसकी जानकारी ट्विटर पर दी है. पप्पू यादव ने लिखा...


बिहार सरकार के पास धन नहीं है, मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार लाने को प्रतिबद्ध हूं. कोटा से छात्रों को लाने हेतु वहां 30 बस लगवा दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से आग्रह है कि वह बस सेनेटाइज करवा कर, छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं.





उन्होंने इस ट्वीट के माध्यम से बिहार सरकार के सामने चुनौती के साथ प्रस्ताव भी रखा है. पप्पू यादव ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, " बिहार सरकार मेरे समक्ष आत्मसमर्पण कर दे, मैं पूरे देश में फंसे एक-एक बिहारी को ले आऊंगा. धन नहीं है, पर मन है, दिल है.मेरी हर सांस,हर रिश्ता,हर संबंध बिहार के लिए समर्पित है. मित्र श्रेष्ठ अग्रवाल जी और अन्य साथियों-शुभचिंतकों के सहयोग से कोटा में बस का इंतज़ाम सुनिश्चित किया है.





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