Supreme Court में सत्येंद्र जैन और नवाब मलिक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर, दी ये दलील
याचिका में कहा गया है कि अदालत ने दोनों ही मंत्रियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है, बावजूद इसके दोनों मंत्री आज तक संवैधानिक पद पर बने हुए हैं.
![Supreme Court में सत्येंद्र जैन और नवाब मलिक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर, दी ये दलील Petition filed in Supreme Court seeking dismissal of delhi cabinet minister Satyendra Jain and maharashtra cabinet minister Nawab Malik ann Supreme Court में सत्येंद्र जैन और नवाब मलिक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर, दी ये दलील](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/16/fc5d21122594154aac53305c37a3a132_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन ( Satyendra Jain) और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को बर्खास्त करने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि अदालत ने दोनों मंत्रियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, बावजूद इसके दोनों मंत्री अभी तक संवैधानिक पद पर बने हुए हैं. जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत है. याचिका में दोनों ही मंत्रियों को जल्द से जल्द बर्खास्त करने की मांग की गई है.
आपको बता दें कि एडवोकेट अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सत्येंद्र जैन और नवाब मलिक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि ये दोनों मंत्री जनसेवक होने के साथ-साथ कानून निर्माता भी हैं जो भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों के चलते काफी समय से न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं. इन दोनों ही मंत्रियों को न्यायिक हिरासत के बाद उनके पद से अस्थायी रूप से उसी प्रकार से वंचित कर दिया जाए, जैसा कि किसी आईएएस, न्यायाधीशों और अन्य लोक सेवकों को सेवाओं से निलंबित कर दिया जाता है. याचिका में कहा गया है कि अदालत ने दोनों ही मंत्रियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है, बावजूद इसके दोनों मंत्री आज तक संवैधानिक पद पर बने हुए हैं.
याचिका में दी गई ये दलील
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन लंबे समय से न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद संवैधानिक पद का आनंद ले रहे हैं, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. याचिका में कहा गया है कि विधायक या सांसद को सदन की बैठक में सभी दिन उपस्थित रहना होता है. विधायक और सांसद को सदन से गैर-हाजिर रहने के लिए अध्यक्ष से अनुमति लेनी पड़ती है. यदि कोई सदस्य 60 दिनों तक सदन की बैठक से अनुपस्थित रहता है तो उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है.
नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन पर लगे ये आरोप
आपको बता दें कि, दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन काले धन, बेनामी संपत्तियों, मनी लॉन्ड्रिंग समेत आय से अधिक संपत्ति के मामले में 31 मई को गिरफ्तार किया गया था. सत्येंद्र जैन अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं. वहीं महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक अंडर वर्ल्ड डान दाउद इब्राहिम से जुड़े काले धन, बेनामी संपत्तियों, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इसी साल 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. नवाब मलिक तभी से न्यायिक हिरासत में हैं.
इसे भी पढ़ेंः-
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)