लखनऊ, एबीपी गंगा। अयोध्या में जब पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर का शिलान्यास कर रहे थे तो पीएफआई दंगे फैलाने की साजिश रच रही थी. पीएफआई शिलान्यास के बाद हिंसा फैलाने का कीशिश में थी. खुफिया एजेंसियों से आए इनपुट से इस बात की पुष्टि हुई है. इनपुट के मुताबिक कई संगठनों ने मिलकर हिंसा की साजिश रची थी. पीएफआई भी इस साजिश का हिस्सा थी.
हिंसा के लिए भड़काने हेतू पीएफआई सोशल मीडिया सहारा ले रही थी. लोगों को सोशल मीडिया के जरिए लगातार भड़काऊं संदेश भेजे जा रहे थे. ताकि धार्मिक उन्माद की आड़ में हिंसा फैल सके. बता दें कि पीएफआई का नाम सीएए और एनआरसी के मुद्दे को लेकर हुई हिंसा में भी आया है.
रॉ ने भी दिए थे संकेत
राम मंदिर पर धार्मिक उन्माद की आड़ में हिंसा फैलाने के संकेत रॉ ने भी दिए थे. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आतंकी हमले के इनपुट में पीएफआई और एसडीपीआई महत्वपूर्ण कड़ी है.
सोशल मीडिया के जरिए साजिश की कोशिश
राम मंदिर शिलान्यास के दिन पीएफआई ने अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक 5 अगस्त यानि शिलान्यास के दिन सुबह 10 बजे से ही पीएफआई ने सोशल मीडिया पर बाबरी मस्जिद को लेकर अभियान शुरू किया. ट्विटर पर #ReturnBabriLandtoMuslims of #RestoreArticle370 के नाम से हैशटैग चलाए गए. इनके जरिए भड़काऊं संदेश शेयर किए गए.
ये दोनों ट्रेंड काफी देर तक रहे.
यूपी एटीएस की तहकीकात
फिलहाल, मामले में यूपी एटीएस ने भी तहकीकात शुरू कर दी है. इस मामले में अभी तक काकोरी और बहराइच से गिरफ्तारी हो चुकी है.
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