PM Modi In Japan: पीएम मोदी ने की जापान के दिग्गज कारोबारियों से मुलाकात, जानें इसकी अहमियत और भारत को कैसे होगा फायदा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे तो उनके कार्यक्रमों का एक अहम एजेंडा उद्योगपतियों से मुलाकात था.
PM Modi Meets Japanese Businessmen: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे तो उनके कार्यक्रमों का एक अहम एजेंडा उद्योगपतियों से मुलाकात था. भारत के लिए जापान एक बड़ा आर्थिक मददगार भी है और रणनीतिक सहयोगी भी. हाल ही में जापान ने वादा किया है कि वो अगले पांच सालों में भारत में पब्लिक और प्रायवेट संसाधनों के जरिए करीब 42 अरब डॉलर का निवेश करेगा. टोक्यो पहुंचे पीएम मोदी की कोशिश जापान की इस धन-धारा के लिए रास्ता सुनिश्चित करने की है. ताकि भारत में विकास के इंजन की रफ्तार बढ़ाई जा सके...
इस कड़ी में मोदी ने जहां चार बड़ी जापानी कंपनियों के प्रमुखों के साथ सीधी मुलाकात की, वहीं सरकारी व निजी क्षेत्र की 34 जापानी कंपनियों के मुखियाओं के साथ बिजनेस राउंड टेबल की भी अगुवाई की. इन बैठकों में पीएम ने जहां भारत की आर्थिक संभावनाओं और सरकार की तरफ से दी जा रही कारोबारी सहूलियतों को वहीं जापानी कंपनियों को भारत में अधिक धन लगाने का न्यौता भी दिया. जापानी निवेश को आकर्षित करने के लिए पीएम ने भारत में जापान वीक मनाए जाने का भी प्रस्ताव दिया.
1. एनईसी कार्पोरेशन
किनसे मिले- नोबुहिरो एंडो, चेयरमैन , एनईसी, जापान
क्या है अहमियत
जापान की बड़ी टैक्नोलॉजी कंपनी है एनईसी. पीएम मोदी ने जापान की इस कंपनी के चेयरमैन नोबुहिरो एंडो से मुलाकात की. इस दौरान चेन्नई-अंडमान व निकोबार और कोच्ची-लक्षद्वीप के बीच ऑप्टिकल फायबर नेटवर्क बनाने में एनईसी कंपनी की भूमिका पर बात हुई. अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप भारत के लिए रणनीतिक लिहाज से भी बहुत अहम हैं जहां भारत के सैन्य ठिकाने भी हैं. इन द्वीप क्षेत्रों के साथ देश के मुख्य भाग का ऑप्टिकल फायबर लिंक रणनीतिक कनेक्टिविटी को मजबूत करता है.
क्या होगा फायदा
एनईसी भारत में स्मार्ट सिटी परियोजना में भागीदार बनना चाहती है. साथ ही मजबूत लॉजिस्टिक सप्लाई, स्मार्ट एजुकेशन से लेकर वित्तीय तकनीकों समेत इमर्जिंग टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी हिस्सेदारी बढ़ाएगी.
2.यूनी क्लो, रीटेल स्टोर कंपनी
किनसे मिले- तादाशी यानी, चेयरमैन, सीईओ यूनी क्लो, रीटेल स्टोर कंपनी
क्या है अहमियत
जापानी कंपनी यूनी क्लो दुनिया के कई देशों में अपेरैल रीटेल स्टोर संचालित करने वाली कंपनी है. इस कंपनी के स्टोर भारत में भी तेजी से बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने यूनी क्लो के प्रमुख को भारत में टैक्स्टाइल क्षेत्र की संभावनाओं का फायदा उठाने और पीएम-मित्र योजना का फायदा उठाने का न्यौता दिया.
क्या होगा फायदा
यूनीक्लो अगर भारत के टैक्स्टाइल क्षेत्र से अपनी सोर्सिंग और उसमें अपना निवेश बढ़ाती है तो उसका फायदा देश के कपड़ा कारोबार को होगा. टैक्सटाइल भारत में कृषि के बाद रोजगार पैदा करने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है जिसमें करीब 4.5 करोड़ लोग काम करते हैं. बीते कुछ सालों के दौरान बांग्लादेश, वियतनाम समेत कई अन्य देशों से टैक्स्टाइल उत्पादन में उभरी चुनौतियों के बीच यूनीक्लो जैसी ग्लोबल कंपनियों के साथ साझेदारी और निवेश भारत के कपड़ा उद्योग के लिए ग्लोबल संभावनाएं बढ़ा सकता है.
3.सुजूकी मोटर्स
किनसे मिले- ओसामू सुजुकी, सीनियर एडवाइजर, सुजूकी मोटर्स कार्पोरेशन
क्या है अहमियत
ऑटोमोबाइल सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नए इंजन के तौर पर उभरा है. भारत दुनिया में टैक्टर का सबसे बड़ा निर्माता देश है और बसों का निर्माण करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. बीते दो दशकों के दौरान भारत के ऑटो सेक्टर में 31 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है. सुजुकी कंपनी अपने गुजरात स्थित प्लांट की क्षमता 2025 तक बढ़ाने का लक्ष्य जता चुकी है और इसके लिए 10 हजार 440 करोड़ रुपये के निवेश किया जाना है.
क्या होगा फायदा
भारत में सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी रखने वाली सुजूकी मोटर्स भारत में इलैक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद देगी. इसका सीधा फायदा जहां भारत के पैट्रोलियम बिल को कम करने में मिलेगा, साथ ही प्रदूषण स्तर को कम करने में भी सहायता मिलेगी. इसके अलावा भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए परफॉर्मेंस लिंक इंसेंटिव की योजना का लाभ उठाने वाली जापानी कंपनियां भारत को अपने निर्यात का हब बना सकती हैं जिसका सीधा मतलब होगा कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
4. सॉफ्ट बैंक
किनसे मिल- मासायोशी सन, सॉफ्टबैंक के संस्थापक
क्या है अहमियत
सॉफ्टबैंक भारत में स्टार्टअप क्षेत्र की बड़ी निवेशक कंपनी है. साथ ही कंपनी भारत में ऊर्जा और फायनेंस के क्षेत्र में भी निवेश करती है.
क्या होगा फायदा
प्रधानमंत्री मोदी और सॉफ्टबैंक प्रमुख के बीच मुलाकात में जहां विशिष्ट निवेश प्रस्ताव साझा किए गए. इन प्रस्तावों के जरिए सॉफ्टबैंक भारत में अपनी निवेश भागीदारी बढ़ाएगा. साथ ही भारतीय स्टार्टअप को जापान के बाजार में मौजूदगी बढ़ाने में भी मदद करेगा.
इसके अलावा पीएम मोदी ने जापान पहुंचने के महज सात घंटे में 30 से अधिक कंपनियों के प्रमुखों साथ बैठक कर ली. इसमें जापान की बहुराष्टरीय कंपनियों के साथ हुई राउंड टेबल बैठक भी शामिल है. इनमें अधिकतर वो कंपनियां शामिल हैं जिनकी भारत में मजबूत मौजूदगी है. इस फेहरिस्त में जापान के बाहरी निवेश का वित्तपोषण करने वाले संगठन जेट्रो, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी JICA,जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन JBIC,जापान-इंडिया बिजनेस कंसलटेटिव कमेटी(JIBC)और भारत के इंनवेस्ट इंडिया जैसे संगठन भी शामिल थे.
पीएम ने जिन कंपनियों के साथ बैठक की उनमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र की महत्वपूर्ण मौजूदगी थी. जापानी कार कंपनियां निसान मोटर्स, टोयोटा कार्पोरेशन, यामाहा मोटर्स, सुजुकी मोटर कार्पोरेशन शामिल थे. यह सभी वो कंपनियां हैं जिनके वाहन भारत की सड़कों पर देखे जा सकते हैं और जिनके कारोबार का ग्राफ पीछे कुछ सालों में तेजी से बढ़ा भी है. मोदी के साथ हुई बैठक में जापान के बैंकिंग सैक्टर की भी महत्वपूर्ण मौजूदगी थी. जापान के मिजुहो बैंक, एमयूएफजी व जेआईबीसी बैंक, सुमितोमो मित्सुई बैंक के प्रमुख मौजूद थे. भारी उद्योग क्षेत्र से कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज, मित्सुबिशी कार्पोरेशन, जेएफई स्टील कार्पोरेशन, निप्पो स्टील कार्पोरेशन, मित्सुई कार्पोशन जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल थीं. साथ ही औद्योगिक तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाली डायकिन और फुजित्सु जैसी कंपनियों के भी वरिष्ठ प्रतिनिधि पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में मौजूद थे.
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