नई दिल्लीः बैसाखी से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में नरमी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. इस त्योहार के मौके पर भारतीय सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था पाकिस्तान जाएगा. इस जत्थे में 437 लोग शामिल हैं. ये जत्था पाकिस्तान के अलग अलग सिख तीर्थस्थलों पर जाएगा जिसमें ननकाना साहिब भी शामिल है. इस बात की मंजूरी पाकिस्तान की ओर से मिल गई है. पाकिस्तान जाने से पहले इन सभी यात्रियों की कोरोना जांच हुई. इस जांच में सभी यात्री निगेटिव आए हैं. सभी यात्री कल यानि सोमवार को पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे और 22 अप्रैल को लौट आएंगे. इस बात की जानकारी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी यानि एसजीपीसी के सेक्रेटरी मोहिंदर सिंह आहिल ने दी है.
मोहिंदर सिंह आहिल ने बताया कि बैसाखी के मौके पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जत्था कल वहां जाएगा और 22 अप्रैल को सभी श्रद्धालु वापस लौट आएंगे.
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भेजी गई लिस्ट में से कुछ यात्रियों के नाम हटाए भी थे इन श्रद्धालुओं ने बैसाखी मनाने के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत सरकार से मांगी थी.
पाकिस्तान जाने वाला जत्था एसजीपीसी कार्यालय अमृतसर से रवाना होगा. यह जत्था वाघा बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान जाएगा. इन श्रद्धालुओं को लिए गृह मंत्रालय ने कई दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. निर्देश के मुताबिक सिख जत्थे का कोई सदस्य पाकिस्तान में किसी का विशेष आतिथ्य स्वीकार नहीं करेगा.
यात्रा के कार्यक्रम के मुताबिक 12 अप्रैल को जत्था वाघा बॉर्डर के रास्ते पैदल पाकिस्तान में प्रवेश करेगा. वहां से श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब के लिए जाएंगे. अलग-अलग दिनों में अलग-अलग गुरुद्वारों का दर्शन करते हुए 20 अप्रैल को श्री गुरुद्वारा रोढ़ी साहिब (एमनाबाद) के दर्शन करके जत्था लाहौर वापस पहुंचेगा.
श्रद्धालु लाहौर में 21 अप्रैल तक गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब में ठहरने के बाद 22 अप्रैल को वाघा बॉर्डर के रास्ते ही भारत लौट आएंगे.