नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मैराथन बैठक में नेताओं ने जहां एक तरफ चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले गुट की नुमाइंदगी करने वाले गुलाम नबी आजाद को खूब खरी खोटी सुनाई और उनपर कार्रवाई की मांग की. वहीं बैठक खत्म होने के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद से फोन पर बातकर आजाद को भरोसा दिया कि उनकी बातों पर गौर किया जाएगा.


सोनिया गांधी, राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद के बीच क्या बात हुई इसकी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन बैठक के बाद पार्टी आलाकमान द्वारा आजाद को फोन करना संकेत देता है कि अलग थलग पड़ने के बावजूद असंतुष्ट नेताओं की बातों का ख्याल रखा जाएगा. हालांकि बैठक में राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने की टाइमिंग और चिट्ठी मीडिया में लीक होने पर काफी नाराजगी जताई थी और घटनाक्रम से खुद को आहत बताया.


राहुल गांधी के तेवर देखने के बाद बाकी नेताओं ने गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा की जम कर आलोचना की थी. अम्बिका सोनी ने चिट्ठी लिखने वालों पर कार्रवाई की मांग कर डाली. सीडब्ल्यूसी सदस्य चेल्ला कुमार ने आजाद पर तंज कसते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर के सभी पूर्व मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए सिवाय गुलाम नबी आजाद के!


कुमारी शैलजा ने लगाया बीजेपी से मिलीभगत का आरोप
चिट्ठी की बात मीडिया में आने के बाद हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने चिट्ठी लिखने वालों नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस तरह की आलोचना और आरोप का जवाब देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि बीजेपी से मिलीभगत के आरोप साबित हो जाएं तो वह इस्तीफा दे देंगे. ऐसे माहौल के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी का फोन आजाद के लिए भी सुकून भरा रहा होगा.


कांग्रेस में प्रभावी नेतृत्व और सीडब्ल्यूसी का चुनाव करवाने की मांग को लेकर पार्टी के 23 महत्वपूर्ण नेताओं ने 7 अगस्त को सोनिया गांधी के नाम चिट्ठी लिखी थी. जानकारी के मुताबिक, जवाब ना आने पर इस गुट में सबसे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी के दफ्तर में रिमाइंडर भी भेजा था. इसके बाद सोनिया ने आजाद से बात की थी और इसके कुछ दिनों बाद बाद सोनिया गांधी ने संगठन महासचिव को पत्र लिखकर अपना पद छोड़ने की इच्छा जताने के साथ ही कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई.


आजाद के घर भी हुई बैठक
सीडब्ल्यूसी की बैठक खत्म होने के बाद आजाद के घर पर मनीष तिवारी, शशि थरूर, कपिल सिब्बल, मुकुल वासनिक जैसे चिट्ठी लिखने वाले नेताओं की बैठक भी हुई. यह खेमा खुल कर तो कुछ नहीं बोल रहा लेकिन ट्विटर के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि चिट्ठी कोई पद हासिल करने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस में सुधार लाने के मकसद से लिखी गई थी. यही बात इन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी रखी थी.


सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में फैसला किया गया कि अगले अध्यक्ष के चुनाव तक सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. पार्टी ने संदेश देने की कोशिश की कि असहमतियों के बावजूद पार्टी में सब ठीक है लेकिन अंदरखाने दोनों खेमों में मनमुटाव गहरा गया है. राहुल गांधी कैम्प के नेता अंदरखाने चिट्ठी लिखने वालों पर 'पद का लालची' होने का आरोप लगाते हैं. दोनों खेमों के बीच पार्टी में होने वाले फेरबदल में ज्यादा महत्वपूर्ण पद हासिल करने पर भी नजर है.


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