चीन सीमा विवाद: रक्षामंत्री के बयान पर ओवैसी ने उठाए सवाल, बोले- राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हो रहा 'घिनौना मजाक'
भारत-चीन सीमा विवाद पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा अभी तक अनसुलझा है और ये एक जटिल समस्या है.
नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद में दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने 'घिनौना मजाक' करार दिया है. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, "मैंने ऐसा बयान नहीं देखा है जो इतना कमजोर और अपर्याप्त हो. यह राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर एक 'घिनौना मजाक' है. रक्षा मंत्री के बयान पर मुझे संसद में बोलने की अनुमति नहीं थी. अगर इजाजत मिलती तो पूछता कि रक्षा मंत्री क्यों नहीं कहते कि चीन ने हमारी एक हजार वर्ग किमी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है? इस अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार कौन है?"
ओवैसी ने ट्विटर के जरिए सरकार से सिलसिलेवार कई सवाल किए. उन्होंने कहा, "सरकार हमारे बंदी सैनिकों के बारे में सच क्यों नहीं बता रही है? आपने संसद को यह क्यों नहीं बताया कि आपने चीन से यथास्थिति अप्रैल 2020 से पहले के मुताबिक बरकरार रखने की मांग की है? क्या आपने मांग की है कि वर्तमान स्थिति को यथास्थिति माना जाए?"
Today @rajnathsingh made a statement on China on behalf of his govt. I have not seen a statement that is so weak & inadequate
This is a 'ghinona mazaak' in name of national security I wasn't permitted to speak in the House following this statement. If I had, I would have asked: https://t.co/Liicae067O — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 15, 2020
ओवैसी ने आगे लिखा, "आप दोनों पक्षों के सैन्य अधिकारियों के बीच हो रही बातचीत के बारे में बात कर रहे हैं. जब पिछली बातचीत फेल हो गई है तब क्या ये बातचीत सफल होंगी? सशस्त्र बलों को सरकार ने क्या राजनीतिक मार्गदर्शन दिया है? राजनीतिक नेतृत्व इस प्रक्रिया को अपने हाथ में क्यों नहीं ले रही है? सेना को प्रतिनिधि क्यों बनाया जा रहा है?"
राजनाथ ने संसद में क्या बयान दिया भारत-चीन सीमा विवाद पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा अभी तक अनसुलझा है और ये एक जटिल समस्या है. दोनों देशों का नजरिया सीमा को लेकर अलग-अलग है. दोनों देशों को एलएसी का सम्मान करना चाहिए. लद्दाख के पूर्वी सीमा पर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश में 90,000 वर्ग किलोमीटर पर भी अपना दावा ठोंक रहा है.
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि अप्रैल महीने से ही चीन ने सीमा पर गतिविध बढ़ा दी. लेकिन भारत चीन की एकतरफा गतिविधि के खिलाफ है. 1993, 1996 में हुए समझौतों के मुताबिक, दोनों देश सीमा पर कम से कम सैन्य गतिविधि करेंगे. दोनों देशों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए.
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने चीनी विदेशी मंत्री से मास्को में हाल ही में मुलाकात की और उनको बताया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए कटिबद्ध है. जून में हुए भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे 20 सैनिक मारे गए, लेकिन हमारे सैनिकों ने भी चीन को करारा जवाब दिया.
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