पंजाब में कांग्रेस पार्टी का असली कैप्टन कौन होगा, इसका अंतिम फैसला आज हो सकता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान का हाथ, अब सिद्धू के साथ है. नाम पर मुहर पहले ही लग गई थी लेकिन अमरिंदर सिंह की नाराजगी की वजह से आधिकारिक एलान रुका हुआ था. हरीश रावत की कल अमरिंदर सिंह के साथ हुई मुलाकात के बाद ये रस्म अदायगी भी आज हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, आज सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष और 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का एलान हो सकता है. पंजाब में एक डिप्टी सीएम का पद भी प्रस्ताव में था लेकिन ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी. मतलब आखिरी फैसला लेना बाकी है.
बस आधिकारिक एलान का इंतजार
अमरिंदर सिंह नहीं चाहते थे कि सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष बने लेकिन मुलाकात के बाद हरीश रावत ने दावा किया कि कैप्टन दिल्ली को दिया अपना पुराना वचन निभाएंगे. हरीश रावत से मुलाकात के बाद कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जो भी फैसला करेंगी वो सबको स्वीकार होगा. अब बस इंतजार आधिकारिक एलान का है, जिसके साथ ही बहुत जल्द कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा.
रावत के लौटते ही अमरिंदर सिंह ने चला एक और दांव
हरीश रावत, सोनिया गांधी का दूत बनकर पंजाब गए थे, इसलिए शायद अमरिंदर कुछ ज्यादा विरोध नहीं कर पाए. लेकिन रावत के लौटते ही उन्होंने एक ऐसा दांव चला, जिससे मामला फंस भी सकता है. वजह कैप्टन की डिनर पार्टी में उनके प्रतिद्वंदी प्रताप बाजवा, विधानसभा स्पीकर राना केपी और कैबिनेट मंत्री गुरमीत सोढ़ी का शामिल होना.
सूत्रों के मुताबिक अमरिंदर सिंह अध्यक्ष पद के लिए प्रताप सिंह बाजवा का समर्थन कर सकते हैं. कैप्टन का तर्क है कि अगर किसी जाट सिख को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाना है तो फिर पुराने नेता प्रताप सिंह बाजवा को बनाया जाए. प्रताब बाजवा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं, अनुभवी हैं और पार्टी में स्वीकार्य भी हैं.
अमरिंदर सिंह राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं. उन्हें पता है कि कौन सा दांव कब चलना है. इसीलिए माना जा रहा है कि वो आसानी से अपनी जिद नहीं छोड़ेंगे और सिद्धू को पार्टी की कमान मिल भी जाती है तो उनके लिए आगे और मुश्किलें आ सकती हैं.
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