हरियाणा विधानसभा में खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश, चर्चा के लिए 2 घंटे का समय
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं, हालांकि वर्तमान में विधानसभा में 88 सदस्य हैं. बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. जेजेपी के 10 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं. बीजेपी ने जेजेपी और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनी हुई है.
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया है. प्रश्नकाल खत्म होने के बाद अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, 'मुझे नेता प्रतिपक्ष (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) और कांग्रेस के 27 अन्य विधायकों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त हुआ है.' अध्यक्ष ने नोटिस को स्वीकार किया और चर्चा के लिए दो घंटे का समय तय किया. हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.
इससे पहले हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा था, 'अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चलेगा कि कितने विधायक सरकार के साथ हैं और कितने विधायक किसानों के साथ खड़े हैं.'बीजेपी के समर्थन में कौन-कौन 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ बीजेपी के 40 सदस्य, जेजेपी के 10 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं. जेजेपी के अलावा सात निर्दलीय विधायक हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने बीजेपी सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है.
किसान आंदोलन के चलते जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. अगर जेजेपी अपना समर्थन वापस भी ले लेती है तो भी राज्य में बीजेपी सरकार बनी रह सकती है. क्योंकि बीजेपी का दावा है कि उसके पास पांच और निर्दलीय का भी समर्थन है.
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