कोलकाता: पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी दंगल में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सेनापति की तरह मोर्चा संभाले हुए हैं लेकिन उनके सैनिकों में भगदड़ मची हुई है. इस लिस्ट में एक और बड़ा नाम आज जुड़ जाएगा. टीएमसी नेता हिरण चटर्जी बीजेपी का दामन थाम लेंगे.


19 दिसंबर 2020 को शुभेंदु अधिकारी को अपने साथ लाकर बीजेपी ने घोषित तौर पर सियासी सेंधमारी की शुरुआत अपना मंच और संग देकर की थी. खुद अमित शाह ने शुभेंदु को अपना सारथी बनाकर पार्टी का झंडा थमाया था. इसके बाद टीएमसी में भगदड़ का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो अब रफ्तार पकड़ चुका है. अब बंगाल के बगावती नेताओं की इस लिस्ट में नया नाम जुड़ा है हिरण चटर्जी का.


हिरण, टीएमसी युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. बांग्ला फिल्मों में इनकी अपनी फैन फॉलोइंग है. अब इन्हें अमित शाह की मौजूदगी में बंगाल में बीजेपी की पॉलिटिकल पिक्चर हिट कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी. हिरण चटर्जी ने खुद को टीएमसी से अलग कर लिया था और आज अमित शाह काकद्वीप में इन्हें बीजेपी का पटका ओढाएंगे.


"जहां सम्मान मिलेगा में वहीं जाना चाहता हूं"
पाला बदलने की ये रस्मअदायगी भले ही आज होगी लेकिन हिरण चटर्जी ने 31 जनवरी को ही एबीपी न्यूज से बातचीत में सम्मान का हवाला देकर इस दलबदल की पु्ष्टि कर दी थी. उन्होंने कहा था, "जहां सम्मान मिलेगा में वहीं जाना चाहता हूं. सिर्फ प्रचार के लिए नहीं बल्कि काम के लिए जाना चाहता हूं. सिर्फ चुनाव के समय कहा जाता है कि इधर जाइये उधर जाइये. चुनाव के बाद कोई धन्यवाद तक भी नहीं कहता है. ये सब करते करते में थक चुका हूं."


अमित शाह जब भी बंगाल दौरे पर आते हैं, ममता बनर्जी के खेमें में खलबली मचा कर ही जाते हैं. पिछले चार महीनों में अमित शाह चार बार बंगाल आए और टीएमसी में टूट की इबारत लिखकर गए. कभी-कभी आए बगैर भी ऐसा ही किया.


विधानसभा चुनाव में तीन महीने बाकी
पिछले साल 19 दिसंबर को अमित शाह दो दिनों के बंगाल दौरे पर आए थे. तब शुभेंदु अधिकारी समेत टीएमसी के 10 विधायक और 1 सासंद को बीजेपी में शामिल हुए थे. 31 जनवरी को उनकी वर्चुअल रैली से पहले टीएमसी विधायक वैशाली डालमिया, राजीब बनर्जी समेत टीएमसी के 6 नेता बीजेपी में आ गए


बंगाल विधानसभा चुनाव में लगभग तीन महीने का वक्त अभी बाकी है और शाह के कई दौरे भी हैं. दीदी भी ये बात समझती हैं, शायद इसलिए उन्होंने कई बार पार्टी की टूट पर अपने गुस्से का इजहार भी किया है. ममता बनर्जी ने कहा था, 'एक दूसरे को चोट देकर वोट बटोरना ही राजनीति कहलाता है और अभी इंतजार कीजिए क्योंकि चोट और वोट का ये खेल बंगाल में आखिरी शख्स के मतदान तक चलेगा और रोमांचक भी होगा.'


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