मुंबई: पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता अनंत गीते ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने वाले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार शिवसैनिकों के लिए 'गुरु' नहीं हो सकते.
उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार सिर्फ एक 'समझौता' है. पवार को एमवीए सरकार का वास्तुकार और धुरी माना जाता है, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच संबंधों में खटास के बाद सत्ता में आयी. शिवसेना और बीजेपी ने 2014 से 2019 तक सत्ता साझा की थी.
अनंत गीते 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने एनसीपी प्रतिद्वंद्वी सुनील तटकरे से मामूली अंतर से हार गए थे. तटकरे की बेटी अदिति वर्तमान में एमवीए सरकार में राज्य मंत्री हैं. अपने गृह क्षेत्र रायगढ़ में सोमवार को एक जनसभा में अनंत गीते ने कहा, 'शरद पवार कभी हमारे नेता नहीं हो सकते क्योंकि यह सरकार (एमवीए) केवल एक समझौता है. लोग पवार के लिए जितनी वाहवाही करें, लेकिन हमारे गुरु केवल (दिवंगत) बालासाहेब ठाकरे हैं. जब तक यह सरकार काम कर रही है, तब तक चलती रहेगी... अगर हम अलग हो गए तो हमारा घर शिवसेना है और हम हमेशा अपनी पार्टी के साथ रहेंगे.'
"सरकार के प्रति उनकी कोई बुरी मंशा नहीं"
रायगढ़ के पूर्व सांसद गीते ने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति उनकी कोई 'बुरी मंशा' नहीं है और वह चाहते हैं कि सरकार चले. शिवसेना नेता ने कहा, 'पवार ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर अपनी पार्टी बनाई थी. यदि कांग्रेस और एनसीपी एक नहीं हो सकते हैं तो शिवसेना भी पूरी तरह से कांग्रेस की नीति पर नहीं चल सकती. कांग्रेस और एनसीपी के रिश्ते हमेशा से सौहार्दपूर्ण नहीं थे.'
बता दें, एनसीपी का गठन 25 मई 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया था. जब उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) से निष्कासित कर दिया गया था. एनसीपी बाद में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकारों का हिस्सा बनी, जिसमें पवार ने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया. महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और एनसीपी ने 2014 तक सत्ता साझा की. अनंत गीते ने 2014 के चुनावों के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया था जब शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा थी.
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