(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बंगाल: नंदीग्राम से चुनाव लड़ने जा रहे अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट, CPM-कांग्रेस का गठबंधन तय
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीतिक हलचल काफी तेज है. नंदीग्राम सिर्फ अब एक सीट नहीं. बल्कि पूर्व और पश्चिम मिदनापुर के दो जिलों की तीस सीटों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. यहां पर शुभेंदु का ख़ासा प्रभाव है.
कोलकाता: बंगाल की सबसे हॉट सीट नंदीग्राम की है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से ही इसबार चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसलिए नंदीग्राम को सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक माना जा रहा है. नंदीग्राम में लगभग 35 फीसदी के आसपास मुस्लिम आबादी है. यहां से अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट भी चुनाव लड़ रही है. इससे तृणमूल कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.
इंडियन सेक्युलर फ्रंट इस बार किसी पार्टी के लिए सत्ता बना सकती है और किसी की बिगाड़ भी सकती है. सीपीएम के साथ बातचीत के बाद ये तय हो गया है कि इंडियन सेक्युलर फ्रंट को 30 सीट लेफ्ट से मिलेगा. कांग्रेस से बातचीत जारी है. लेकिन माना ये जा रहा है कि अगर 15 से 20 सीट कांग्रेस भी छोड़ने के लिए तैयार हो जाती है कुल 45 से 50 सीटों पर इंडियन सेक्युलर फ्रंट चुनाव लड़ेगी. अब्बास सिद्दीकी 28 फरवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान पर होने वाली रैली में लेफ्ट और कांग्रेस के साथ शामिल होंगे.
ममता बागी नेता शुभेंदु के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी एक समय के अपने विश्वासपात्र और पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी को खुली चुनौती देते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पहले बागी तृणमूल नेता शुभेंदु अधिकारी करते थे, जो पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने भी इस साल अप्रैल-मई में होने वाले चुनाव में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से बतौर उम्मीदवार ममता के नाम की घोषणा की है.
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