नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई दिनों से केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस, आप समेत कई विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त हैं. विपक्षी पार्टियों के नेता भी किसानों की बात कर रहे हैं. इसी कड़ी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भुपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी किसानों का समर्थन किया है. वह हरियाणा विपक्षी पार्टियों के नेता हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि किसान पूरी तरह से सही हैं और सरकार को बिना देरी किए उनकी बात को मान लेना चाहिए. लेकिन सरकारी सूत्रों ने सोमवार को कहा कि साल 2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली समिति द्वारा सुझाए गए सुधार उपायों को भी नए कृषि कानूनों में शामिल किया गया है और उस समय कांग्रेस ही सत्ता में थी.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की समिति ने दिए ये सुधार उपाय
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जब ये सुधार उपाय दिए थे, तब वह हरियाणा के मुख्यंत्री थे. सूत्रों ने दावा किया कि हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने दिसंबर 2010 में सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था, "कृषि उपज के लिए बाजार को आवाजाही, व्यापार, भंडारण, वित्त, निर्यात आदि सभी प्रकार के प्रतिबंधों से तुरंत मुक्त किया जाना चाहिए."
आपातकालीन परिस्थतियों आवश्यक वस्तु अधिनियम का उपयोग
सूत्रों ने दावा किया कि समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि किसान के बाजार की परिकल्पना को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जहां किसान सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को अपनी उपज बेच सके. समिति ने यह भी कहा था, "आवश्यक वस्तु अधिनियम का उपयोग केवल आपातकालीन परिस्थतियों में ही किया जाना चाहिए और इस पर फैसला राज्य सरकारों से विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए."
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