पटना: बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं. ऐसे में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन समेत विपक्षी दलों ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार में पिछले महीने ही वर्चुअल रैली के जरिए चुनावी शंखनाद कर दिया. लेकिन राज्य के विपक्षी दलों ने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए वर्चुअल रैलियों पर आपत्ति जताई है.
आरजेडी, सीपीआई, सीपीआई (एम), एनसीपी, बीएसपी और आरएलएसपी ने तर्क दिया है कि डिजिटल कैंपन से जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंच घटेगी और ये मोड सिर्फ अमीर राजनीतिक पार्टियों के लिए सुविधाजनक है. विपक्षी पार्टियों ने डिजिटल कैंपन की बजाए मतदाताओं की छोटी सभाओं को अनुकूल बताया. ये तर्क पार्टियों ने 26 जून को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में दिए. वहीं, पिछले महीने वर्चुअल रैलियों का आयोजन करने वाली बीजेपी ने सर्वदलीय बैठक में चुनाव प्रचार के लिए डिजिटल मोड का समर्थन किया और कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) के लिए इसे प्रतिबंधित करना 'अनुचित' होगा.
ऐसा नहीं है कि पहले के चुनावों में डिजिटली प्रचार नहीं होता था, लेकिन हाल के दिनों में यह डिजिटलीकरण राजनीति का विस्तार माना जा रहा है. वैसे, बिहार चुनाव को लेकर औपचारिक रूप से प्रचार की शुरुआत अभी नहीं हुआ है, लेकिन इतना तो तय मामना जा रहा है कि इस बार का चुनाव प्रचार भी अन्य चुनावों से अलग होगा.
EC ने शुरू की तैयारी
चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से तैयारियां शुरू कर दी हैं. केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह निर्देश जारी कर दिया है कि किसी भी पोलिंग स्टेशन पर 1000 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे और जब मतदान होगा तो केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश मसलन सोशल डिस्टेंसिंग सैनिटाइजेशन के साथ ही अन्य सावधानियों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा.
इतना ही नहीं अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और जो होम आइसोलेशन या क्वॉरेंटाइन में है ऐसे लोगों के द्वारा मतदान किया जा सके इसके लिए पोस्टल बैलट का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि अभी तक सिर्फ 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और चुनाव के दौरान जरूरी सेवा में लगे लोगों के लिए ही पोस्टल बैलट की सुविधा दी गई थी. लेकिन कोरोना काल में अब 65 साल से उम्र से ज़्यादा और होम क्वारंटाइन में रह रहे के लोगों को भी पोस्टल बैलट इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाएगी .
बिहार विधानसभा का कार्यकाल
बिहार की 243 सदस्य विधान सभा का कार्यकाल 29 नवंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर के आखिरी हफ्तों में या नवंबर के शुरुआती हफ्तों में बिहार में चुनाव करवाए जा सकते हैं. लेकिन जिस तरह से देश इस वक्त कोरोना काल से गुजर रहा है इससे बिहार चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बन गयी है.
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