Sadhvi Prayga Thakur on Kangana Ranaut Statement: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के आजादी वाले बयान का समर्थन किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि अगर कोई साफ मुंह से ये कह रहा है तो इसमें गलती क्या है. हमें पहले बोलने की आजादी नहीं थी.
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, हमें तो असली आजादी 2014 में मिली है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद. अगर कोई साफ मुंह से ये कह रहा है तो गलती क्या है. हमें पहले बोलने की आजादी नहीं थी.' उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में आजादी किसे कहते हैं, ये प्रश्न चिन्ह था. एक स्वतंत्रता मिलती है, जब आदमी विकास करता है. स्वतंत्रता के बाद भी हमारा देश कई चीजों से जूझ रहा था और हमारे देश की स्वतंत्रता जिस प्रकार से होनी चाहिए थी, वह नहीं हो पा रही थी, लेकिन 2014 में जबसे मोदी आए तबसे लोगों को वाकई लगा कि भारत स्वतंत्र है तो इसमें अगर कंगना ने सीधे से शब्दों में कह दिया तो लोगों को बुरा लग गया.
बीजेपी सांसद ने कहा कि कांग्रेस शासन में लोग सिर्फ भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार झेल रहे थे. अब वे आजादी से बोल पा रहे हैं तो लोगों को क्यों बुरा लगता है? जब वामपंथी बोलते हैं तब लोगों को बुरा नहीं लगता है, लेकिन कोई राष्ट्रभक्त कहता है तो बुरा लग जाता है.
क्या कहा था कंगना ने?
कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी सरकार बनी तभी असल में भारत को आजादी मिली. साल 1947 में मिली आजादी को कंगना ने भीख बताया. कंगना के इस बयान पर काफी विवाद हुआ. बाद में कंगना ने सफाई दी थी. उन्होंने कहा कि सारी बातें इस इंटरव्यू में साफ तौर पर कही गई थीं कि आजादी के लिए पहली संगठित लड़ाई 1857 में लड़ी गई...साथ ही रानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर जी के बलिदान की भी बात कही गई थी. मुझे 1857 का तो पता है लेकिन 1947 में कौन सी लड़ाई हुई थी इसके बारे में मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है. अगर कोई मुझे इस बारे में जानकारी देगा तो मैं पद्म श्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी..कृपया मदद कीजिए..
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