नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को केंद्र सरकार के इस दावे पर सवाल उठाया है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने कोरोना वायरस के 29 लाख मामलों को कैसे रोका है. राज्यसभा सदस्य ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इस निर्णय (लॉकडाउन) ने 14 से 29 लाख कोविड-19 मामलों और 37 से 78 हजार मौतों को रोका है. सदन को बताया जाना चाहिए कि इस दावे का वैज्ञानिक आधार क्या है, जिसके जरिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं."


पहले सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा था, "देशव्यापी लॉकडाउन सरकार का एक साहसिक निर्णय है. यह इस तथ्य को साबित करता है कि कोविड-19 का प्रबंधन करने के लिए पूरा देश सामूहिक रूप से साथ खड़ा था. अनुमान है कि इस निर्णय ने 14 से 29 लाख मामले और 37,000 से 78,000 मौतों को होने से रोका है."


इसपर पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने यह भी सवाल किया है कि सरकार के पास प्रवासी श्रमिकों को दी गई सहायता और मृत्यु की संख्या के बारे में डेटा क्यों नहीं है, जबकि वे लॉकडाउन लागू होने के बाद अपने गृहनगर लौट रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासियों के लिए शहरों में क्वॉरंटीन सेंटर्स जैसी सुविधाओं के जरिए इस रिवर्स माइग्रेशन को रोका जा सकता था. इससे ग्रामीण इलाकों में इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता था.


प्रवासी मजदूरों को दी गई मदद का कोई डेटा नहीं
दरअसल, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा को बताया कि "प्रवासी श्रमिकों को प्रदान की गई सहायता का राज्यवार डेटा उपलब्ध नहीं है." कई सांसदों ने कहा कि "लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई है". इस पर गंगवार ने जवाब दिया कि "ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है".


शर्मा ने केंद्र से राज्यों से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार करने के तरीकों पर बात करने का आग्रह भी किया है.


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